23 फरवरी को पगड़ी संभाल दिवस मनाएंगे आंदोलनकारी किसान

कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ हुंकार भर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने एलान किया है कि 23 फरवरी को पगड़ी संभाल दिवस मनाया जाएगा। यह दिन चाचा अजीत सिंह एवं स्वामी सहजानंद सरस्वती की याद में मनाया जाएगा। इस दिन किसान अपने आत्मसम्मान का इज़हार करते हुए अपनी क्षेत्रीय पगड़ी पहनेंगे।

24 फरवरी को 'दमन विरोधी दिवस' मनाने की घोषणा की गई है जिसमें किसान आंदोलन पर हो रहे चौतरफ़ा दमन का विरोध किया जाएगा। इस दिन सभी तहसील व जिला मुख्यालयों पर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिए जाएंगे।

26 फरवरी को दिल्ली में चल रहे धरने के तीन महीने पूरे होने पर युवाओं के योगदान को अहमयित देते हुए 'युवा किसान दिवस' मनाया जाएगा। इस दिन धरने के सभी मंच युवाओं द्वारा संचालित किए जाएंगे। अलग-अलग राज्यों के युवाओं से दिल्ली के बॉर्डर्स पर पहुंचने की अपील की गई है।

सयुंक्त किसान मोर्चा की शनिवार को हुई बैठक में कहा गया है कि आंदोलन को लेकर बड़ी घोषणाएं 28 फरवरी के बाद की जाएंगी। बैठक में किसान नेता दातार सिंह के निधन पर दुख जताया गया। 

इसके अलावा गुरु रविदास जयंती और शहीद चंद्रशेखर आज़ाद के शहादत दिवस पर 27 फरवरी को "मजदूर किसान एकता दिवस" मनाया जाएगा। सभी देशवासियों से अपील की गई है कि वे दिल्ली में चल रहे आंदोलन को मजबूत करें।

किसान आंदोलन पर देखिए वीडियो- 

फैलता जा रहा आंदोलन 

18 फरवरी को किसानों ने ‘रेल रोको’ आंदोलन किया था। किसान अब तक भारत बंद से लेकर चक्का जाम और कई कार्यक्रम कर चुके हैं। किसान आंदोलन अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान से आगे बढ़ते हुए महाराष्ट्र तक जा पहुंचा है। महाराष्ट्र में भी किसानों के समर्थन में संगठन सड़क पर उतरे हैं। किसानों ने कहा है कि कृषि क़ानूनों के ख़त्म होने तक वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे।

सरकार को चुनौती दे रहे टिकैत

कई राज्यों में हो रही किसान महापंचायतों में राकेश टिकैत किसान आंदोलन के प्रमुख चेहरे बनकर उभरे हैं और उनके ताज़ा भाषणों को सुनें तो इनमें वे मोदी सरकार को चुनौती देते दिखते हैं। हाल ही में हरियाणा में हुई एक महापंचायत में राकेश टिकैत ने कहा, “सरकार ग़लतफहमी में न रहे कि किसान फसल कटाई पर गांव आएगा। अगर सरकार ने ज़्यादा बकवास की तो किसान खड़ी फसल में आग लगा देगा और एक दाना नहीं देगा।” उन्होंने कहा कि अगला लक्ष्य 40 लाख ट्रैक्टरों को इकट्ठा करने का है।

2024 तक चलेगा आंदोलन!

टिकैत ने आगे की योजना के बारे में कहा कि गुजरात से लेकर महाराष्ट्र और राजस्थान से लेकर बंगाल तक सभी जगह महापंचायत की जाएंगी। किसान आंदोलन के तीन महीने पूरे हो गए हैं और यह पूछा जा रहा है कि यह आंदोलन कब तक चलेगा, इसके जवाब में टिकैत ने पहले इस साल अक्टूबर तक आंदोलन चलने की बात कही और अब वह 2024 की बात करने लगे हैं।



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