किसान आंदोलन के प्रमुख चेहरे बनकर उभरे राकेश टिकैत ने सरकार को चेताया है कि अब किसान संसद घेरेंगे। किसान महापंचायतों के जरिये कई राज्यों की किसान सियासत को नाप रहे टिकैत के बयान सरकार को चेतावनी देने वाले और धारदार होने लगे हैं। टिकैत मंगलवार को राजस्थान के सीकर में आयोजित किसान महापंचायत में पहुंचे थे। यहां भी बाक़ी महापंचायतों की ही तरह अच्छी-खासी भीड़ जुटी।
टिकैत ने मंच से कहा, “किसान का ट्रैक्टर तो टैंक ही है, दिल्ली की चमचमाती सड़कों पर किसान का ट्रैक्टर चलेगा। इन्होंने लाल किले का नाम लिया, लाल किला तो भूतों का घर है, दिल्ली कान खोलकर सुन ले, अगली कॉल संसद की होगी और कहकर जाएंगे, हमारे साथ 4 लाख नहीं 40 लाख ट्रैक्टर जाएंगे।”
टिकैत ने कहा कि राजस्थान से किसान आंदोलन में आगे की लड़ाई लड़ी जाएगी और अबकी बार लाल क़िले पर नहीं, हल के साथ संसद में जाएंगे। उन्होंने कहा कि संसद और इंडिया गेट के बाहर बने पार्कों में ट्रैक्टर चलेगा और जुताई होगी वरना, दिल्ली की जबरदस्त घेराबंदी होगी।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ ही देश भर के किसानों के बड़े नेता रहे महेंद्र सिंह टिकैत के बेटे राकेश टिकैत ने सरकार से कहा कि वह इन कृषि क़ानूनों को वापस ले ले और एमएसपी को लेकर क़ानून बनाए। सीकर की इस महापंचायत में महिलाओं की भी अच्छी-खासी भागीदारी रही।
टिकैत अपने पिता जैसा ही बड़ा किसान नेता बनने की राह पर चलते दिखते हैं। वे महापंचायतों में कहते हैं कि देश में हल क्रांति होगी और किसान खेती में काम आने वाले औजारों को तैयार रखें।
टिकैत ने किसानों से कहा कि वे दिल्ली मार्च के लिए तैयार रहें और किसी भी समय इसके लिए बुलावा आ सकता है। टिकैत ने मंगलवार को ही राजस्थान के सरदारशहर और चुरू की किसान महापंचायतों में भी हुंकार भरी। महापंचायत को स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव सहित कई अन्य लोगों ने संबोधित किया।
बाराबंकी, बस्ती जाएंगे नरेश टिकैत
पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से किसान महापंचायतों का दायरा आगे बढ़ रहा है। राकेश टिकैत के बड़े भाई नरेश टिकैत उत्तर प्रदेश के बाक़ी हिस्सों की ओर बढ़ रहे हैं। बुधवार को नरेश टिकैत बाराबंकी और गुरूवार को बस्सी में आयोजित किसान महापंचायतों को संबोधित करेंगे।
ग़लतफहमी में न रहे सरकार
कुछ दिन पहले हरियाणा में हुई किसान महापंचायत में राकेश टिकैत ने सरकार को चेताया था और कहा था कि सरकार किसी ग़लतफहमी में न रहे कि यह आंदोलन दो महीने में ख़त्म हो जाएगा। उन्होंने कहा, “सरकार ने ज़्यादा दिक्कत की तो ये ट्रैक्टर भी वही हैं, किसान भी वही हैं और ये फिर दिल्ली में जाएंगे और अबकी बार खेत के औजार भी ले जाएंगे, दिल्ली इसे ध्यान से सुन ले।”
टिकैत ने आगे की योजना के बारे में कहा था कि गुजरात से लेकर महाराष्ट्र और राजस्थान से लेकर बंगाल तक सभी जगह महापंचायत की जाएंगी और सरकार ने ज़्यादा स्थिति ख़राब की तो किसान बंगाल की ओर चल देंगे और उसका फातेहा पढ़ देंगे।
भिड़ने के मूड में टिकैत
राकेश टिकैत मोदी सरकार से सीधी लड़ाई के मूड में दिखते हैं और उनका यह कहना कि किसान लाखों ट्रैक्टर्स के साथ संसद में जाएंगे, इसका मतलब साफ है कि आने वाले दिनों में किसान आंदोलन का विस्तार होगा और यह पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही बीजेपी की मुश्किलें बढ़ाएगा।
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