उन्नाव: दोस्ती को ठुकराने पर लड़कियों को दिया था ज़हर- पुलिस 

उन्नाव में खेत में मिलीं दलित समुदाय की नाबालिग लड़कियों की मौत के मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ़्तार किया है। इनमें से एक ने इन तीनों लड़कियों को ज़हर दिया था। पुलिस का कहना है कि इन दोनों लोगों को घटना के वक़्त खेत में आते हुए देखा गया था। इनमें से मुख्य अभियुक्त का नाम विनय कुमार उर्फ लम्बू है और दूसरा नाबालिग है। ये दोनों ही असोहा थाने के पाठकपुर गांव के रहने वाले हैं। 

दोनों लड़कियों में से एक की उम्र 13 और दूसरी की उम्र 16 साल थी। तीसरी लड़की की हालत गंभीर है और कानपुर के एक अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है। पुलिस ने कहा है कि मामले में दो अन्य लोगों को हिरासत में भी लिया गया है। 

यह घटना थाना असोहा क्षेत्रांतर्गत ग्राम बबुरहा में बुधवार को हुई थी। शुक्रवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेन्स में लखनऊ जोन की आईजी लक्ष्मी सिंह ने कहा, “मुख्य अभियुक्त ने बताया है कि लॉकडाउन के दौरान तीनों में से एक लड़की के साथ उसकी दोस्ती हुई थी और वे खेतों में काम के दौरान एक-दूसरे से बात करते थे।” उसने यह भी बताया कि वह उससे एकतरफा प्यार करता था और लड़की ने उसके दोस्ती के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। 

आईजी के मुताबिक़, मुख्य अभियुक्त ने कहा कि जब उसने लड़की से उसका फ़ोन नंबर मांगा तो उसने देने से इनकार कर दिया, इस वजह से वह नाराज़ था और उसने उसकी हत्या करने की ठान ली थी। 

मुख्य अभियुक्त विनय ने पुलिस की टीम को बताया कि उसने पानी की एक बोतल में कीटनाशक मिला दिया था और दूसरे अभियुक्त से नमकीन लाने को कहा था। विनय ने लड़कियों को नमकीन खिलाई और कीटनाशक वाली पानी की बोतल दे दी। उसे इस बात का पता नहीं था कि तीनों लड़कियों उसी पानी की बोतल से पानी पी लेंगी।

आईजी ने कहा कि विनय की कॉल डिटेल से पता चला है कि घटना के वक़्त वह खेत में ही था। विनय ने बुबुरहा गांव में ज़मीन भी ख़रीदी थी। 

मुआवजे का एलान 

उन्नाव के जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने मृतक के परिवार वालों को 5-5 लाख रुपये मुआवज़ा देने का एलान किया है। कानपुर के अस्पताल में जिस तीसरी लड़की का इलाज चल रहा है, उसे 2 लाख रुपये दिए जाएंगे। 

चोट के निशान नहीं 

दो लड़कियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने कहा था कि उनके शरीर पर किसी भी तरह की चोट के निशान नहीं मिले हैं। इस मामले में परिवार के लोगों की शिकायत पर अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और धारा 201(सबूतों को ख़त्म करना) के तहत मुक़दमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा है कि यौन उत्पीड़न का भी कोई सबूत नहीं मिला है। 

उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा था कि डॉक्टर्स के जिस पैनल ने लड़कियों का पोस्टमार्टम किया है, उसने लड़कियों के शरीर पर किसी तरह की चोट न होने की बात कही है।



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