इशांत-अश्विन को वो सम्मान नहीं मिला, जिसके वो हक़दार हैं!

इशांत शर्मा के लिए अहमदाबाद में होने वाला तीसरा टेस्ट मैच निजी तौर पर काफ़ी यादगार पल है। आख़िर, भारत के लिए किसी भी तेज़ गेंदबाज़ ने उनसे पहले 100 टेस्ट नहीं खेले थे। हो सकता है कि आप कपिल देव का नाम बताएँ लेकिन वो तो ऑलराउंडर थे ना। इतना ही नहीं अगर टेस्ट इतिहास को देखें तो सिर्फ़ जेम्स एंडरसन, ग्लेन मैक्ग्रा, कोर्टनी वॉल्श और मखाया एंटिन ही इशांत से पहले ऐसे 4 गेंदबाज़ रहे हैं जो सिर्फ़ तेज़ गेंदबाज़ होने के बूते 100 मैच खेले। ऑलराउंडर के तौर पर नहीं जैसा कि वसीम अकरम या फिर जैक कैलिस या स्टुअर्ट ब्रॉड जैसे खिलाड़ी खेले।

इशांत से मेरा परिचय साल 2006 के जून महीने में बेंगलुरु के नैशनल क्रिकेट स्टेडियम में टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी लालचंद राजपूत ने कराया- ‘ये मिलो अपने दिल्ली वाले इस लंबू से जो लंबी रेस का घोड़ा दिखता है।'

उस मुलाक़ात के बाद मेरी अगली भेंट इशांत से क़रीब 6 महीने बाद फिरोज़शाह कोटला में हुई जब वह दिल्ली के लिए रणजी ट्रॉफी में अपना पहला मैच खेल रहे थे। इसके 6 महीने बाद वह ज़हीर ख़ान के साथ टेस्ट क्रिकेट खेल रहे थे।

भारत में सिर्फ़ 6 तेज़ गेंदबाज़ों ने 100 से ज़्यादा टेस्ट विकेट लिए हैं। हैरानी की बात यह है कि इशांत को 300 विकेट लेने पर भी वह सम्मान नहीं मिलता जिसके वह हक़दार हैं।

इशांत ने कई यादगार स्पेल डाले हैं, लेकिन ज़हीर जैसे सीनियर गेंदबाज़ की मौजूदगी के चलते अपने करियर के ज़्यादातर मौक़े पर उन्होंने ख़ुद को स्ट्राइक बोलर के बजाए सहयोगी ही समझा। यही बात उनके करियर के आँकड़ों में भी दिखती है।

इशांत से जुड़ी एक और निजी कहानी आईपीएल 2009 की है। साउथ अफ्रीका के केपटाउन शहर के एक पाँच सितारा होटल में टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली अपनी टीम के तेज़ गेंदबाज़ इशांत शर्मा की तलाश में परेशान दिख रहे थे। 

सौरव गांगुली की बेटी सना लगातार ज़िद कर रही थीं कि हर हाल में उसे अभी इशांत का ऑटोग्राफ़ और फ़ोटोग्राफ़ चाहिए। दादा ने हँसते हुए कहा कि इंडिया का सुपरस्टार गेंदबाज़ है इशांत जो लड़का सिर्फ़ लंबा ही नहीं बल्कि भारत के लिए लंबा खेलने वाला है।

आलोचना करना आसान है कि 98 टेस्ट खेलकर 300 विकेट लेना कौन सी बड़ी बात है। लेकिन भारत जैसे मुल्क में इरफ़ान पठान, वेकेंटेश प्रसाद और मनोज प्रभाकर के अगर टेस्ट मैच को जोड़ दिया जाए तो वो आँकड़ा बैठता है 101 और इनके कुल विकटों की संख्या 300 से कम। ये आंकड़े आपको बताने के लिए शायद काफ़ी हो कि भारत के लिए तेज़ गेंदबाज़ होकर 300 विकेट हासिल करना कितना मुश्किल काम है।

 - Satya Hindi

इशांत की ही तरह भारत के चैंपियन स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को भी अपनी प्रतिभा और हुनर पर पूरा यक़ीन था और ऐसा आत्मविश्वास मैंने बहुत कम खिलाड़ियों में देखा है।

अहमदाबाद में खेले जाने वाले तीसरे टेस्ट में वो 400 टेस्ट विकेट के क्लब में शामिल होने से सिर्फ़ 6 क़दम दूर हैं।

इशांत की ही तरह अश्विन को सिर्फ़ उनके पारंपरिक गेंदबाज़ी आँकड़ों के चश्मे से नहीं बल्कि दूसरे नज़रिए से देखने की ज़रूरत आ पड़ी है। शायद भारतीय क्रिकेट में अश्विन की महानता को वह सम्मान नहीं मिलता, जिसके वह असली हकदार हैं। टेस्ट क्रिकेट में पारी में पाँच विकेट लेने का कमाल बल्लेबाज़ी में शतक के बराबर की उपलब्धि है। फिलहाल विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट में 27 शतक हैं। 89 मैच खेले हैं उन्होंने। दूसरी ओर अश्विन ने सिर्फ़ 76 मैचों में 29 बार पारी में पाँच विकेट लेने का कारनामा कर दिखाया। यानी एक तरह से कोहली से 13 टेस्ट कम खेलकर 2 शतक ज़्यादा!

 - Satya Hindi

एक तरह से देखा जाए तो इशांत और अश्विन की जोड़ी आपको 90 के दशक वाली श्रीनाथ-कुंबले वाली जोड़ी की याद दिलायेगी। श्रीनाथ को भी इशांत की तरह अनलकी माना जाता रहा जो शायद उतने टेस्ट विकेट हासिल नहीं कर पाए जितनी उनमें प्रतिभा थी। लेकिन, कुंबले की ही तरह अश्विन भी घरेलू पिचों के बेताज बादशाह हैं जबकि अपने करियर के दूसरे हाफ में कुंबले की ही तरह विदेशी पिचों पर भी उतने ही प्रभावशाली। लेकिन, श्रीनाथ-कुंबले की ही तरह इशांत-अश्विन की जोड़ी तेज़ गेंदबाज़-स्पिनर के तौर पर भले ही ग्लेन मैक्ग्रा-शेन वार्न की तरह नहीं हो लेकिन भारतीय क्रिकेट में ये एक बड़ी जुगलबंदी की मिसाल है। अहमदाबाद के पिंक बॉल टेस्ट में दोनों गेंदबाज़ों को अपने खेल और निजी रिकॉर्ड से इस मैच को साझा तौर पर यादगार बनाने का यह एक शानदार मौक़ा है।



https://ift.tt/3qN3mrn
Previous
Next Post »

Please don't enter any spam link in comment box ConversionConversion EmoticonEmoticon