--- कासगंज में सिपाही का हत्यारा UP पुलिस एनकाउंटर में ढेर: पुलिसकर्मियों को नंगा कर की थी पिटाई, ₹1 लाख का था इनाम लेख आप ऑपइंडिया वेबसाइट पे पढ़ सकते हैं ---
कासगंज कांड के मुख्य आरोपित मोती सिंह यूपी पुलिस के साथ हुए एनकाउंटर में ढेर हो गया। दरोगा की गायब पिस्टल भी उसके पास से बरामद की गई है। मोती सिंह सिढ़पुरा थाने के सिपाही की हत्या और दरोगा को गंभीर रूप से जख्मी करने के मामले में फरार चल रहा था। इस मामले में वो मुख्य आरोपित था और पिछले कई दिनों से पुलिस को उसकी तलाश थी। पुलिस की कई टीमें आस-पास के जिलों में दबिश दे रही थी।
मोती सिंह 1 लाख रुपए का इनामी बदमाश था। शनिवार (फरवरी 20, 2021) को हुई मुठभेड़ के बाद पुलिस उसे लेकर अस्पताल गई, जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया गया। कासगंज मामले का एक अन्य आरोपित भी एनकाउंटर में मारा जा चुका है। मोती के भाई एलकार को पुलिस ने कावी नदी के किनारे घेरा था, जहाँ उसने गोलीबारी शुरू कर दी तो पुलिस को भी जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी। एलकार भी मारा गया था।
इस मामले मे अन्य अपराधियों कि गिरफ़्तारी भी हुई है। मामला तब का है, जब सिढ़पुरा के धीमर में अवैध शराब बनाने की खबर सुन कर पुलिस छापेमारी के लिए पहुँची थी। वहाँ सिपाही देवेन्द्र सिंह की हत्या कर दी गई थी। मुख्य आरोपित की माँ रूपमती को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। ओ सरावल के पास से जिला छोड़ कर भागने की फिराक में थी, लेकिन पुलिस ने उसे धर-दबोचा। उसके पास से वो भाला भी बरामद हुआ, जिससे सिपाही की हत्या की गई थी।
खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले को संज्ञान में लिया था और आरोपितों के खिलाफ NSA लगाने का निर्देश दिया था। दरोगा अशोक पाल शराब माफिया के खिलाफ छापेमारी का नेतृत्व कर रहे थे। आरोपितों ने लाठी और भाले से पुलिसकर्मियों को लहूलुहान कर दिया था। मोती और उसके साथियों ने छापेमारी करने आए पुलिसकर्मियों को बंधक बना कर नंगा किया, फिर उनकी पिटाई की थी।
जनपद के थाना सिढ़पुरा क्षेत्रान्तर्गत पुलिसकर्मी की हत्या के मुख्य आरोपी, 1 लाख के ईनामी अपराधी मोती को पुलिस मुठभेड़ के दौरान ढेर करने एवं अपराधी के कब्जे से हुई बरामदगी के संबंध में #SP @kasganjpolice द्वारा दी गयी बाइट । @Uppolice @dgpup @adgzoneagra @igrangealigarh pic.twitter.com/wY2XfWFhJX
— KASGANJ POLICE (@kasganjpolice) February 21, 2021
जहाँ इस मामले में सिपाही देवेन्द्र सिंह ने अस्पताल में उपचार के दौरान ही दम तोड़ दिया था, दरोगा अशोक पाल को स्थिति गंभीर होने के कारण अलीगढ़ रेफ़र कर दिया गया था। अभी भी उनका इलाज वहीं चल रहा है। घटना के बाद STF की पांच टीमों समेत पुलिस और SOG की कुल 12 टीमें गठित की गई थीं और DGP एचसी अवस्थी मामले की निगरानी कर रहे थे। घटना के 12 दिन बाद पुलिस को ये सफलता मिली।
इससे पहले उत्तर प्रदेश के कासगंज में शराब माफिया को पकड़ने गई पुलिस पर बेरहमी से हुए हमले और हत्याकांड के मामले में पुलिस ने नवाब नाम के एक आरोपित को गिरफ्तार किया था। वो भी कांस्टेबल देवेंद्र सिंह की हत्या में शामिल था। नवाब इस खौफनाक कांड के मुख्य आरोपित मोती सिंह का दाहिना हाथ था। नवाब ने अपने आका के कहने पर ही पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमला किया था।
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