प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार सुबह नई दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में कोरोना का टीका लगवाया। केंद्र सरकार ने पिछले महीने ये फ़ैसला लिया था कि प्रधानमंत्री, सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी दूसरे चरण में कोरोना का टीका लगेगा। इसके अलावा सभी सांसद और सभी विधायक, जो 50 साल से ऊपर की उम्र के हैं उन्हें भी कोरोना का टीका लगाया जाएगा। आज से ही देश में कोरोना का टीका लगने के दूसरे चरण की शुरुआत हो गई है।
प्रधानमंत्री ने कोरोना का टीका लगवाने का फ़ोटो भी ट्वीट किया और कोरोना के ख़िलाफ़ इस जंग में डॉक्टर्स और वैज्ञानिकों के काम की तारीफ़ की।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि दूसरे चरण में जिन लोगों को कोरोना का टीका लगना है वे 1 मार्च से सुबह 9 बजे से शाम 3 बजे तक नजदीक के वैक्सीनेशन केंद्र में जाकर ख़ुद को रजिस्टर करवा सकते हैं। इस चरण में 60 साल से ऊपर और 45 साल से ऊपर उम्र के ऐसे लोग जिन्हें कुछ दूसरी बीमारियां भी हैं, सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में जाकर कोरोना का टीका लगवा सकते हैं। सरकारी अस्पतालों में कोरोना का टीका फ्री लगेगा जबकि अस्पतालों में इसकी हर डोज के लिए 250 रुपये देने होंगे।
भारत में कोरोना की दो वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है। इनमें से एक को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और ऐस्ट्राज़ेनेका ने तैयार किया है जिसका नाम कोविशील्ड है जबकि दूसरी को भारत बायोटेक ने और इसका नाम कोवैक्सीन है। टीकाकरण अभियान की शुरुआत पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया ने पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद ही दोनों वैक्सीन को स्वीकृति दी है इसलिए लोग अफ़वाहों से दूर रहें।
वैज्ञानिकों और केंद्र सरकार की ओर से बार-बार ये भरोसा दिलाने के बाद भी कि कोरोना की दोनों वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित हैं, लोग वैक्सीन लगवाने से हिचक रहे हैं। इसके पीछे ऐसी कुछ घटनाएं जिम्मेदार हैं, जिनमें वैक्सीन लगवाने के बाद लोगों की तबीयत बिगड़ी है। कई राज्यों से ऐसे मामले सामने आए हैं।
https://ift.tt/3dVXtEw
Please don't enter any spam link in comment box ConversionConversion EmoticonEmoticon