कर्नाटक में लगातार अपने राजनीतिक विरोधियों से जूझ रहे मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की मुसीबत अपनी कैबिनेट के मंत्री रमेश जारकिहोली के सैक्स सीडी स्कैंडल की वजह से बढ़ गई है। सैक्स सीडी के अलावा मंत्री का महिला के साथ एक ऑडियो भी सामने आया है और इसे लेकर कर्नाटक में बवाल मचा हुआ है।
सामाजिक कार्यकर्ता दिनेश कालाहल्ली ने दावा किया है कि पीड़ित महिला के परिवार की इजाजत के बाद ही उन्होंने इस संबंध में बेंगलुरू पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। कालाहल्ली ने कहा है कि सीडी में दिख रही महिला को मंत्री ने नौकरी का लालच दिया था। हालांकि पुलिस अभी शिकायत की जांच कर रही है।
द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक़, राज्य में इस मामले को लेकर इतना शोर मच गया है कि येदियुरप्पा को पार्टी के सहयोगियों के साथ बैठक करनी पड़ी। इसमें तय हुआ कि मंत्री की बात सुनने के बाद ही उनके इस्तीफ़े को लेकर कोई फ़ैसला किया जाएगा। इस सीडी के सामने आने के बाद से ही मंत्री का फ़ोन स्विच ऑफ़ है और उनसे किसी का संपर्क नहीं हो पा रहा है।
कैबिनेट विस्तार भी बना था मुसीबत
इस साल जनवरी में कैबिनेट का विस्तार करने के बाद भी येदियुरप्पा के ख़िलाफ़ उनके राजनीतिक विरोधी एकजुट हो गए थे। येदियुरप्पा को कैबिनेट विस्तार के लिए लंबे वक़्त तक आलाकमान की हां का इंतजार करना पड़ा था।
कैबिनेट के विस्तार के बाद येदियुरप्पा के विरोधियों ने आरोप लगाया था कि कैबिनेट के विस्तार में उन्होंने ‘अपने लोगों’ को अहमियत दी है। कर्नाटक बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने कहा था कि कैबिनेट विस्तार में उन्हीं लोगों को मंत्री बनाया गया है जिन्होंने येदियुरप्पा को ब्लैकमेल किया या जो उनके क़रीबी लोग हैं।
येदियुरप्पा के बीजेपी बीजेपी आलाकमान से रिश्ते ठीक नहीं चल रहे हैं। वह 75 साल की उम्र की सीमा को पार कर चुके हैं और आलाकमान उन्हें किसी राज्य का गवर्नर बनाकर राज्य की राजनीति से उनकी विदाई कराना चाहता है। जबकि येदियुरप्पा इसके लिए तैयार नहीं हैं।
सीएम की कुर्सी पर नज़र
कर्नाटक में बीजेपी के कई नेता मुख्यमंत्री बनने की कतार में हैं। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी, उप मुख्यमंत्री लक्ष्मण संगप्पा सावदी का नाम शामिल है। इसके अलावा बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बी. एल. संतोष से येदियुरप्पा का छत्तीस का आंकड़ा जगजाहिर है। संतोष चाहते हैं कि येदियुरप्पा की जगह वह या उनका कोई क़रीबी राज्य का मुख्यमंत्री बने।
सियासी रसूख वाले नेता हैं जारकिहोली
जारकिहोली येदियुरप्पा कैबिनेट में ताक़तवर मंत्री हैं और उत्तरी कर्नाटक के बेलगावी इलाक़े में उनका खासा प्रभाव माना जाता है। जारकिहोली पहले कांग्रेस में थे लेकिन प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार से बेलगावी में राजनीतिक अनबन के चलते उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी। कर्नाटक की पूर्ववर्ती कांग्रेस-जेडीएस सरकार को गिराने में जारकिहोली की अहम भूमिका रही थी।
जुलाई, 2019 में राज्य में येदियुरप्पा की सरकार बनने के बाद से ही जारकिहोली बीजेपी में आए कांग्रेस-जेडीएस के विधायकों की अगुवाई करते दिखते थे। उनके बारे में कहा जाता है कि वह राज्य का मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं लेकिन सीडी के सामने आने के बाद येदियुरप्पा के साथ ही जारकिहोली भी मुसीबत में फंस गए हैं।
साथ ही कर्नाटक बीजेपी के लिए भी यह बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई है कि वह जारकिहोली का इस्तीफ़ा कैसे ले क्योंकि इससे बीजेपी में उनके साथ आए विधायक नाराज़ हो सकते हैं।
रमेश की यह सीडी ऐसे वक़्त में सामने आई है जब बेलगावी सीट पर लोकसभा का उपचुनाव होना है। यह सीट केंद्रीय मंत्री सुरेश अंगड़ी के इस्तीफ़े से खाली हुई है। इसके अलावा 4 मार्च से बजट सत्र भी शुरू होना है।
हनी ट्रैप सक्रिय
2019 में बीजेपी के एक विधायक ने शिकायत दर्ज कराई थी कि राज्य में हनी ट्रैप में फंसाने वाला एक गिरोह सक्रिय है और यह राजनेताओं और सरकारी अफ़सरों को निशाना बना रहा है। अगर ऐसा है तो निश्चित रूप से आने वाले वक़्त में कुछ और लोगों की सीडी आ सकती है क्योंकि 2016 में तत्कालीन सिद्धारमैया सरकार के एक कैबिनेट मंत्री का भी कथित रूप से एक महिला के साथ वीडियो सामने आया था और इसके बाद उन्हें कैबिनेट से इस्तीफ़ा देना पड़ा था।
बेटे को अहमियत देने से नाराज़गी
सरकारी कामकाज और फ़ैसलों में येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र की दख़लअंदाज़ी से कई मंत्री, विधायक और नेता नाराज़ हैं। विपक्ष भी विजयेंद्र को 'सुपर सीएम' कहते हुए बीजेपी सरकार पर राजनीतिक हमले बोल रहा है। बीजेपी के कई नेता भी दबी जुबान में विजयेंद्र को तबादलों, नियुक्तियों की अनुमति देने वाला मंत्री कहने लगे हैं। सूत्रों के मुताबिक़, पार्टी के कुछ नेताओं जिनमें विधायक भी शामिल हैं, ने पार्टी नेतृत्व से विजयेंद्र के बारे में शिकायत की है।
क्या करेगा आलाकमान
सीडी के सामने आने के बाद कर्नाटक युवक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने राज्य भर में प्रदर्शन किया और मंत्री के इस्तीफ़े की मांग की है। बीजेपी में ही येदियुरप्पा के राजनीतिक विरोधियों के पूरा जोर लगाने के बाद भी आलाकमान उन्हें हटाने का साहस नहीं दिखा सका है।
हटाना आसान नहीं
आलाकमान के लिए येदियुरप्पा को हटाना आसान नहीं है। उन्हें हटाने पर लिंगायत समुदाय नाराज़ हो सकता है और यह कर्नाटक में राजनीतिक रूप से ताक़तवर समुदाय है। येदियुरप्पा के करीबी बताते हैं कि 2023 के विधानसभा चुनाव में भी येदियुरप्पा बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बनना चाहते हैं जबकि आलाकमान इसके लिए तैयार नहीं दिखता।
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