आम आदमी की मुसीबत बने ‘किसान’: विपक्ष के समर्थन के बावजूद ‘भारत बंद’ असरदार नहीं, पर कई जगहों पर भीषण जाम

भारत बंद, किसानों, राकेश टिकैत

--- आम आदमी की मुसीबत बने ‘किसान’: विपक्ष के समर्थन के बावजूद ‘भारत बंद’ असरदार नहीं, पर कई जगहों पर भीषण जाम लेख आप ऑपइंडिया वेबसाइट पे पढ़ सकते हैं ---

किसान संगठनों के ‘भारत बंद’ से आम लोगों को खासी परेशानी हो रही है। गुरुग्राम-दिल्ली सीमा पर भयंकर जाम लगा है और कई घंटों से हजारों गाड़ियाँ वहाँ फँसी हुई हैं। दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवान भी सतर्क हैं, ताकि कोई अनहोनी घटना न हो। गाड़ियों की सघन चेकिंग की जा रही है। किसान संगठनों ने सोमवार (27 सितंबर, 2021) को ‘भारत बंद’ बुलाया है, जिसे विपक्षी दलों का समर्थन प्राप्त है।

वहीं केरल में ‘भारत बंद’ के कारण लोगों से सड़क पर निकलने से ही परहेज किया और सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। राजधानी तिरुवनंतपुरम में तोड़फोड़ की आशंका से दुकानें बंद रहीं। वहीं अधिकतर दुकानें सत्ताधारी वामपंथी गठबंधन LDF और मुख्य विपक्षी गठबंधन UDF के ट्रेड यूनियनों के आह्वान के कारण नहीं खोली गईं। दोनों के ट्रेड यूनियनों ने किसान संगठनों के आंदोलन को समर्थन दे रखा है।

बिहार की बात करें तो यहाँ की मुख्य विपक्षी पार्टी राजद ने भी इस ‘भारत बंद’ को अपना समर्थन दे रखा है। हाजीपुर में राजद नेता मुकेश रौशन व पार्टी के अन्य नेताओं के प्रदर्शन के कारण उत्तर बिहार को राजधानी पटना से जोड़ने वाले ‘महात्मा गाँधी सेतु’ पर भीषण जाम लगा हुआ है। साथ ही हाजीपुर-मुजफ्फरपुर मार्ग पर भी गाड़ियाँ फँसी हुई हैं। प्रदर्शनकारियों की माँग है कि तीनों कृषि कानून वापस लिए जाएँ।

वहीं गाजीपुर से भी उत्तर प्रदेश की तरफ जाने वाली सड़कें बंद हैं। किसानों ने गाजीपुर सीमा पर डेरा जमाया हुआ है। ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ का कहना है कि ये ‘भारत बंद’ सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक चलेगा। 10 घंटों के इस बंद के दौरान कॉन्ग्रेस व उसके साथी दल के कार्यकर्ता भी सड़कों पर हैं। पिछले 300 दिनों से ‘किसान आंदोलन’ का कोई असर नहीं हुआ है। हिंसा और आमजनों को परेशान करने वाले प्रदर्शनकारियों के विरोध में जनता में माहौल बना हुआ है।

इसीलिए, ट्विटर पर ट्रेंड करा के लोगों ने कहा कि आज भारत खुला है। लोगों ने कहा कि ये नया भारत है और ये बंद नहीं हो सकता। SKM ने धमकी दी थी कि किसी भी स्कूल-कॉलेज, राज्य-केंद्र सरकारों के दफ्तरों, और फैक्ट्रियों को नहीं खुलने दिया जाएगा। इसने सार्वजनिक व निजी वाहनों को सड़क पर निकलने से मना करते हुए कोई सार्वजनिक कार्यक्रम भी न करने को कहा है। पंजाब के अमृतसर स्थित देवीदासपुरा में किसानों ने रेलवे ट्रैक्स जाम कर के ट्रेनों की आवाजाही रोकी, जिससे यात्रियों को खासी परेशानी हुई।

‘भारतीय किसान यूनियन (BKU)’ के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ऐलान किया था कि एम्बुलेंस व डॉक्टरों को नहीं रोका जाएगा। उन्होंने दावा किया कि कोई भी चीज सीलबंद नहीं की गई है, हम बस एक संदेश पहुँचाना चाहते हैं। गाजीपुर सीमा पर खुद राकेश टिकैत उपस्थित थे। राहुल व प्रियंका गाँधी ने भी ‘भारत बंद’ के पक्ष में ट्वीट किया। हालाँकि, दिल्ली में मेट्रो से सफर करने वालों ने वीडियो डाल कर बताया कि ‘भारत बंद’ फेल हो गया है और इसका कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है।

वहीं पटना के एक व्यक्ति ने भी वहाँ की सड़कों की तस्वीर डाल कर लिखा कि यहाँ सब कुछ खुला हुआ है और हमलोग ‘भारत बंद’ का समर्थन नहीं करते। कोलकाता मेट्रो में भी आवागमन सामान्य रहा। सड़कों पर एकाध वामपंथी ज़रूर ‘भारत बंद’ का ऐलान करते दिखे। इस साल मार्च में भी किसानों के ‘भारत बंद’ से देश को 500 करोड़ रुपयों का नुकसान हुआ था। तब 32 किसान संगठनों ने सैकड़ों जगह सड़कें ब्लॉक की थीं।



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