‘इंशाअल्लाह इंसाफ होगा… अपने धर्म का प्रचार अपराध नहीं’ – ओवैसी ने किया अवैध धर्मांतरण वाले मौलाना कलीम का समर्थन

असदुद्दीन ओवैसी मौलाना कलीम

--- ‘इंशाअल्लाह इंसाफ होगा… अपने धर्म का प्रचार अपराध नहीं’ – ओवैसी ने किया अवैध धर्मांतरण वाले मौलाना कलीम का समर्थन लेख आप ऑपइंडिया वेबसाइट पे पढ़ सकते हैं ---

अवैध धर्मांतरण मामले में गिरफ्तार मौलाना कलीम सिद्दीकी का समर्थन करने पर एआईएमआईएम (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गए हैं। मौलाना कलीम का समर्थन करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ”अपने धर्म का प्रचार अपराध नहीं है।”

औवेसी ने इस मामले पर शुक्रवार (24 सितंबर 2021) को ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, ”मौलाना कलीम साहब के वकील अबुबकर सब्बाक से बात की। अनुच्छेद-25 में अपने धर्म का प्रचार करने का अधिकार है। अपने धर्म की जानकारी देना किसी भी तरह से अपराध नहीं है। यूपी सरकार मीडिया ट्रायल कर रही है। उनके खिलाफ लगाई गई धाराएँ आरोपों से मेल नहीं खाती। इंशाअल्लाह इंसाफ होगा।”

दरअसल, अपने धर्म के बारे में जानकारी देना, या उसका प्रचार-प्रसार करना अपराध नहीं है, लेकिन अवैध धर्म परिवर्तन एक अपराध है। मौलाना कलीम सिद्दीकी पर अवैध धर्मांतरण का आरोप है, जिसके चलते उन्हें 10 दिन की रिमांड पर एटीएस को सौंप दिया गया है। ऐसे में एआईएमआईएम के अध्यक्ष को सोशल मीडिया यूजर्स आड़े हाथों लिया है।

हाबुल दत्ता नाम के एक यूजर ने लिखा, ”बेफिजूल की बातें करना और मुस्लिम को भड़काना ही आता तुम्हें। तुम बैरिस्टर के नाम पर धब्बा हो। तुम्हें सिर्फ बक-बक करना और ​बिना सोचे-समझे बोलना आता है। सबको पता है धर्म का प्रचार करना गुनाह नहीं है पर बहला-फुसलाकर के जोर जबरदस्ती करना गुनाह है। अब मुगल का जमाना नहीं ये, हिंदुस्तान है।”

एक अन्य यूजर ने लिखा, ”जैसा काम वैसा अंजाम, तुम्हारा भी वक्त आएगा, इंशाअल्लाह।”

एक और ट्विटर यूजर ने लिखा, “बड़ी-बड़ी फेंकने से कुछ नहीं होता। हैदराबाद की इस खातून की कोई मदद नहीं कर रहा। आप सब सिर्फ समाज को बेवकूफ बनाते हो। इंसानियत हैं तो पहले हैदराबाद के खातून का भला करो फिर समाज के ठेकेदार बनना।”

ध्यान दें कि अनुच्छेद-25 से लेकर 28 तक धार्मिक स्वतंत्रता की बात की गई है। संविधान के अनुच्छेद-25 में हर किसी को किसी भी धर्म का पालन करने और मानने का अधिकार है। उसका प्रचार प्रसार और प्रवचन करने का भी अधिकार है। लेकिन इसमें कहीं भी जबरन धर्मपरिवर्तन का उल्लेख नहीं किया गया है।

गौरतलब है कि उत्तर भारत में कई इस्लामिक ट्रस्ट चलाने वाले और 30 साल से देश के सबसे बड़े अवैध धर्मांतरण गिरोह को संचालित करने वाले मौलाना करीम सिद्दीकी को यूपी एटीएस की टीम ने बुधवार (22 सितंबर 2021) को मेरठ से गिरफ्तार किया था। मौलाना जामिया इमाम वलीउल्लाह ट्रस्ट चलाता है, जो कई मदरसों को फंड देता है। इसके लिए उसे विदेशों से भारी फंडिंग मिलती है।

इससे पहले उत्तर प्रदेश एटीएस ने धर्मांतरण कराने के मामले में मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहाँगीर आलम कासमी को जून में दिल्ली के जामिया नगर इलाके से गिरफ्तार किया गया था। उन पर पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) से कथित फंडिंग के साथ बधिर छात्रों और गरीब लोगों को इस्लाम में कन्वर्ट करने की कोशिश करने का आरोप लगा था।



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