पंजाब कांग्रेस में फिर कलह, गुरजीत सिंह को मंत्री नहीं बनाने की माँग

पहले प्रदेश कांग्रेस प्रमुख और उसके बाद मुख्यमंत्री बदलने के बावजूद पंजाब कांग्रेस की अंदरूनी कलह ख़त्म नहीं हुई है, न ही गुटबाजी में कोई कमी आई है।

पंजाब सरकार में होने वाले फेरबदल के ठीक पहले यह एक बार फिर खुल कर सामने आ गया है। रविवार की शाम साढ़े चार बजे नए मंत्रियों को शपथ लेनी है, लेकिन उसके पहले ही उस पर विवाद खड़ा हो गया है। 

छह विधायकों ने पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू को एक चिट्ठी लिख कर राणा गुरजीत सिंह को मंत्री बनाए जाने के फ़ैसले का विरोध किया है।

सिद्धू को चिट्ठी

इन विधायकों ने चिट्ठी में लिखा है कि एक बालू खनन घोटाले में गुरजीत सिंह और उनके परिवार के लोगों के नाम आने के बाद गुरजीत सिंह को जनवरी 2018 में अमरिेंदर सिंह सरकार से निकाल दिया गया था। इस घोटाले में राज्य सरकार को 25 करोड़ रुपए का नुक़सान हुआ था।  

इस चिट्ठी में कहा गया है कि गुरजीत सिंह को सरकार में शामिल न किया जाए।

बात सिर्फ इतनी नहीं है। इस चिट्ठी में सरकार में होने वाले फेरबदल पर ही सवाल उठाए गए हैं। यह कहा गया है कि दोआबा इलाक़े से जाट सिखों और जाट ओबीसी नेताओं को मंत्री बनाया जा रहा है जबकि इस इलाक़े में दलित सिखों की संख्या ज़्यादा है।

चिट्ठी का मतलब

यह चिट्ठी अहम इसलिए भी है कि नए मंत्रियों के नाम केंद्रीय नेतृत्व के परामर्श के बाद ही तय किए गए हैं। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी खुद दिल्ली आए थे। कई घंटों तक चली बैठक में इन नामों पर अंतिम मुहर लगी थी। इन बैठकों में पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत के अलावा महासचिव अजय माकन भी मौजूद थे। खुद राहुल गांधी ने इन नामों पर अपनी सहमति दी थी। 

इन विधायकों की चिट्ठी से साफ संकेत जाता है कि ये लोग मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ही नहीं, केंद्रीय नेतृत्व को भी चुनौती दे रहे हैं और उससे अपनी असहमति जता रहे हैं।

यह भी साफ है कि नवजोत सिंह सिद्धू ने अमरिंदर सिंह का विरोध तो किया ही था, वे नए मुख्यमंत्री का भी विरोध कर रहे हैं और उन्हें अभी से ही चुनौती दे रहे हैं। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि जिन लोगों ने यह चिट्ठी लिखी है, वे सिद्धू के करीबी समझे जाते हैं।

 - Satya Hindi

नए मंत्री

जिन सात लोगों को सरकार में शामिल किए जाने पर फ़ैसला हुआ है, उनमें से ज़्यादातर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के विश्वस्त हैं। वे हैं- राजकुमार वर्क, कुलजीत नागरा, परगट सिंह, अमरिेंदर सिंह, राजा वारिंग, राणा गुरजीत और सुरजीत सिंह धीमान। रविवार शाम साढ़े चार बजे इन्हें पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई जाएगी।

पंजाब कांग्रेस ने यह भी तय किया है कि ब्रह्म मोहिंदर, मनप्रीत बादल, सुखबिंदर सरकारिया, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, विजय इंदर सिंगला, अरुणा चौधरी, रज़िया सुलतान और भूषण आशु को पद पर बने रहने दिया जाएगा। 



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