कांग्रेस पार्टी ने पंजाब कैबिनेट में बड़ा फेरबदल करते हुए सात नए मंत्रियों को सरकार में शामिल किया है जबकि पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के पाँच समर्थकों को सरकार से बाहर कर दिया गया है।
याद दिला दें कि बीते दिनों कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया, जिसके बाद चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया गया।
अमरिंदर सिंह की ओर से नियुक्त जिन मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है, वे हैं- स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह, राजस्व मंत्री गुरप्रीत सिंह कांगर, उद्योग मंत्री सुंदर श्याम अरोड़ा, सामाजिक कल्याण मंत्री संधू सिंह धरमसोट और खेलकूद मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी।
इस बैठक में राणा गुरजीत सिंह को फिर मंत्री बनाने का फ़ैसला लिया गया है। वह अमरिंदर सरकार में सिंचाई मंत्री थे, लेकिन एक कथित घोटाले में नाम आने के बाद उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया था।
नए मंत्री
जिन सात लोगों को सरकार में शामिल किया गया है, उनमें से ज़्यादातर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के विश्वस्त हैं। नए मंत्री हैं- राजकुमार वर्क, कुलजीत नागरा, परगट सिंह, अमरिेंदर सिंह, राजा वारिंग, राणा गुरजीत और सुरजीत सिंह धीमान।
इन लोगों के नामों पर केंद्रीय नेतृत्व की अंतिम मुहर लग चुकी है, जल्द ही इन्हें पद व गोपनीयता की शपथ दिला दी जाएगी। इसका समय राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित तय करेंगे।
पंजाब कांग्रेस ने यह भी तय किया है कि ब्रह्म मोहिंदर, मनप्रीत बादल, सुखबिंदर सरकारिया, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, विजय इंदर सिंगला, अरुणा चौधरी, रज़िया सुलतान और भूषण आशु को पद पर बने रहने दिया जाएगा।
इसके पहले चन्नी दिल्ली गए थे, जहां केंद्रीय नेतृत्व के साथ उनकी लंबी बैठकें हुईं और हर नाम पर अलग- अलग चर्चा की गई। इन बैठकों में पंजाब प्रभारी हरीश रावत और अजय माकन भी मौजूद थे।
नए चेहरे
समझा जाता है कि राहुल गांधी ने हर नाम पर हरी झंडी दिखाई और उसके बाद चन्नी चंडीगढ़ लौट गए। इसके पहले चन्नी ने मुख्यमंत्री बनते ही पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के प्रमुख सचिव और विशेष प्रमुख सचिव को बदल दिया था।इनवेस्टमेंट प्रमोशन में प्रिंसिपल सेक्रेटरी हुसन लाल और खाद्य मामलों में सचिव राहुल तिवारी को उनकी जगह दी गई थी।
इनके अलावा रवीन ठुकराल ने मीडिया सलाहकार का पद छोड़ दिया। राजनीतिक सलाहकर कैप्टन संदीप संधू, क़ानूनी सलाहकार एडवोकेट जनरल अतुल नंदा ने भी त्यागपत्र दे दिया था।
चरणजीत सिंह चन्नी 2007 से पंजाब विधानसभा के सदस्य और वह रामदसिया सिख समुदाय से संबंधित है। यह पंजाब का दलित समुदाय है और कांग्रेस ने पंजाब में दलित समुदाय को साधने तथा सभी वर्गों को साथ लेने की कोशिश करते हुए चन्नी को यह दायित्व सौंपा है।
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