श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अब भव्य राम मंदिर के गर्भ गृह में राम लला की प्रतिमा के निर्माण व इसकी प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी को लेकर कार्यक्रम बना रहा है। ट्रस्ट को भरोसा है कि जिस तिथि को गर्भगृह में राम लला की स्थापना होगी लाखों की भीड़ अयोध्या पहुंच सकती है। अगर कार्यक्रम सुव्यवस्थित नहीं होगा तो अफरा-तफरी में हालात बिगड़ते देर नहीं लगेगी। हालांकि मंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र का कहना है कि अयोध्या के रामनवमी व परिक्रमा मेला में 40 लाख तक की भीड़ जुटती है और कोई अफरा-तफरी नहीं मचती।
उनका कहना है कि अयोध्या में 5 हजार से ज्यादा मंदिर हैं। ऐसे में भीड़ बंट जाती है लेकिन फिर भी राम मंदिर में दर्शन के लिए जिस तरह से लोगों की भीड़ पहुंच रही है, इसको लेकर ट्रस्ट राम लला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पर मजबूत व्यवस्था बनाने को लेकर मंथन कर रहा है।
इन्हीं मुद्दों को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में रखा गया। बैठक बुधवार को मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के मठ मणिराम छावनी में संपन्न हुई। जिसमें मंदिर निर्माण, राम लला की प्राण प्रतिष्ठा वाली मूर्ति का निर्माण व भव्य मंदिर में इसे स्थापित करने की तिथि के साथ आयकर रिटर्न व मंदिर ट्रस्ट की नियमावली आदि पर निर्णय किया गया।
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बैठक की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मंदिर के परकोटा व यात्री सुविधा केंद्र का निर्माण इनकी नींव खुदाई के साथ शुरू हो गया है। मंदिर के निर्माण की गति इसके टाइम स्केल के मुताबिक चल रही है और दिसंबर 2023 तक मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए निर्माण पूरा हो जाएगा। उन्होंने बताया ट्रस्ट की अगली बैठक अब तीन महीने बाद पुन: अयोध्या में ही होगी ।
प्रतिमा को लेकर मंथन
चंपत राय ने बताया कि भव्य राम मंदिर में जिस राम लला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी उसके निर्माण को लेकर पिछले दो दिनों से नामी मूर्तिकारों व विशेषज्ञों की टीम ने मंथन कर अपनी रिपोर्ट बैठक में पेश की। उन्होंने बताया कि ओडिशा के मूर्तिकार सुदर्शन साहू, कर्नाटक के मनइया वाडिगेर, पुणे के देगलूरकर व देश के एक नामी चित्रकार की टीम ने मूर्ति निर्माण को लेकर मंथन किया। टीम के मुताबिक राम लला की मूर्ति की ऊंचाई साढ़े आठ फुट होनी चाहिए जिससे श्रद्धालु की आंख व राम लला की मूर्ति की आंख एक सीध में आए। साथ ही राम नवमी को 12 बजे दिन में सूर्य की किरण राम लला पर पड़ सके।
चंपत राय ने बताया कि पहले अलग-अलग मुद्रा में राम लला की 9 से 12 इंच की मूर्ति मॉडल के तौर पर तैयार कर मूर्तिकार प्रस्तुत करेंगे। उसी में से किसी मॉडल को फाइनल किया जाएगा। राम लला की मूर्ति 6 वर्ष के प्रभु राम के बाल्य रूप की बनेगी। 30 से 35 फुट की दूरी से दर्शन होगा। ग्रे व नीले रंग के पत्थर की प्रतिमा ऐसी होगी जो श्रद्धालुओं के हृदय को स्पर्श कर मोहित कर सके।
तय होगी प्राण प्रतिष्ठा की तिथि
मंदिर ट्रस्ट की बैठक में भव्य मंदिर के गर्भ गृह में राम लला को विराजमान करने की तिथि पर भी चर्चा हुई। राय ने बताया कि 14 जनवरी 2024 की मकर संक्राति के शुभ मूहूर्त मे कोई तिथि विद्वान पंडितों से राय लेकर तय की जाएगी। हालांकि उनका कहना था कि विचार यह भी आया है कि दिसंबर 2023 में भी राम लला की गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा की जा सकती है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दक्षिण के दौरे में दिए गए बयान जिसमें उन्होंने लोगों से कहा कि 1 जनवरी 2024 को अयोध्या के लिए टिकट रिजर्व करवा लें क्योंकि भव्य मंदिर में राम लला विराजमान हो जाएंगे, इसे लेकर जब सवाल किया गया कि क्या राम लला की प्राण प्रतिष्ठा मंदिर में 1 जनवरी 2024 को ही हो जाएगी, इसके जवाब में चंपत राय ने कहा कि अमित शाह की वजह से सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर के मामले की सुनवाई शुरू हुई, नहीं तो अभी तक इस पर फैसला ही नहीं हुआ होता।अमित शाह देश का सम्मान और रक्षा करने वाला खून हैं। मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा में उनके दखल की क्या बात है, जो भी तिथि तय होगी प्राण प्रतिष्ठा करवाई जाएगी।
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