दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में मतदान से पहले अच्छा-खासा हंगामा हुआ है। मनोनीत पार्षदों की पहले शपथ को लेकर सदन में यह हंगामा हुआ है और आम आदमी पार्टी और बीजेपी के पार्षद आपस में भिड़ गए हैं।
आम आदमी पार्टी ने कहा है कि नियमों व परंपरा के मुताबिक, मनोनीत पार्षदों की शपथ बाद में होती है और निर्वाचित पार्षदों की शपथ पहले होती है। लेकिन बीजेपी मनोनीत पार्षदों की शपथ पहले इसलिए करवाना चाहती है क्योंकि वह उन्हें मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव में वोटिंग का अधिकार दिलवाना चाहती है।
आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने सदन के अंदर नारेबाजी की और मनोनीत पार्षदों को पहले शपथ दिलाने के पीठासीन अधिकारी के फैसले पर सख्त नाराजगी जाहिर की। बताना होगा कि एमसीडी के मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में मनोनीत पार्षदों को वोटिंग करने का अधिकार नहीं होता है।
उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने बीजेपी के 10 पार्षदों को मनोनीत किया है। इससे पहले पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति को लेकर भी विवाद हुआ था।
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और विधायक सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया है कि उनकी पार्टी के पार्षदों के साथ मारपीट की गई है। उन्होंने कहा कि बीजेपी बेईमानी से एमसीडी में क़ब्ज़ा करना चाहती है लेकिन हम बीजेपी की गुंडागर्दी नहीं चलने देंगे। दूसरी ओर बीजेपी का कहना है कि पूरा हंगामा आम आदमी पार्टी के द्वारा प्रायोजित है। बीजेपी की महिला पार्षदों ने कहा कि आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने उनके साथ अभद्रता की और धक्का-मुक्की की।
दिल्ली सरकार के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि एमसीडी में अपने कुकर्मों को छिपाने के लिए बीजेपी वालों ने पहले चुनाव टाले, फिर पीठासीन अधिकारी की ग़ैरक़ानूनी नियुक्ति की, मनोनीत पार्षदों की ग़ैरक़ानूनी नियुक्ति की और अब जनता के चुने पार्षदों को शपथ नहीं दिलवाई जा रही है। सिसोदिया ने कहा कि अगर जनता के फ़ैसले का सम्मान नहीं कर सकते तो फिर चुनाव किसलिए कराए जा रहे हैं
बीजेपी नेता हरीश खुराना ने कहा कि आम आदमी पार्टी को डर है कि वह मेयर का चुनाव हार रही है और इसलिए सदस्यों की शपथ नहीं होने दे रही है।
पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति पर विवाद
गुरूवार को उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के द्वारा बीजेपी की पार्षद सत्या शर्मा को एमसीडी के मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी बनाने पर विवाद खड़ा हो गया था। आम आदमी पार्टी ने कहा है कि यह परंपरा रही है कि सदन के सबसे वरिष्ठ सदस्य को प्रोटेम स्पीकर या पीठासीन अधिकारी चुना जाता है लेकिन बीजेपी सभी लोकतांत्रिक परंपराओं और संस्थानों को बर्बाद करने पर तुली हुई है।
दिल्ली सरकार ने पीठासीन अधिकारी के लिए आम आदमी पार्टी के पार्षद मुकेश गोयल के नाम की सिफारिश की थी। अब आम आदमी पार्टी ने मुकेश गोयल को एमसीडी में पार्टी का नेता नियुक्त किया है। मुकेश गोयल आदर्श नगर वार्ड 15 से एमसीडी पार्षद का चुनाव जीते हैं और एमसीडी में सबसे वरिष्ठ पार्षद हैं।
एमसीडी के चुनाव में आम आदमी पार्टी को 134, बीजेपी को 104 और कांग्रेस को 9 सीटों पर जीत मिली थी और 15 साल से एमसीडी की सत्ता में बैठी बीजेपी की विदाई हो गई थी।
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