कंझावला केस- दो और आरोपी शामिल थे, सीसीटीवी पर दिखे: पुलिस

दिल्ली के कंझावला में लड़की को कार से कई किलोमीटर घसीटे जाने के मामले में अब दो और आरोपियों के शामिल की बात सामने आई है। पुलिस ने कहा है कि संदिग्ध सीसीटीवी फुटेज में देखे गए हैं। पुलिस ने आज कहा है कि ये संदिग्ध कार के मालिक आशुतोष और आरोपियों में से एक का भाई अंकुश है। पुलिस ने कहा है कि दोनों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

कार में सवार पांच आरोपियों- दीपक खन्ना, अमित खन्ना, कृष्ण, मिथुन और मनोज मित्तल को पहले ही गरिफ़्तार किया जा चुका है। दरअसल, पीड़िता लड़की एक जनवरी को तड़के स्कूटी से घर लौट रही थी। कार में सवार आरोपियों ने उसे टक्कर मार दी। लड़की कार के निचले हिस्से में फँस गई। कई किलोमीटर तक वह घसीटती गई। इससे उसकी मौत हो गई। एफ़आईआर में कहा गया है कि कार में सवार लोगों को पता था कि उन्होंने स्कूटी पर एक लड़की को टक्कर मारी थी। 

शुरुआती जाँच के बाद कहा गया था कि जिस कार ने पीड़िता को टक्कर मारी थी और कई किलोमीटर तक घसीटा था उसमें पांच लोग सवार थे। इसी आधार पर दर्ज प्राथमिकी में कहा गया था कि पाँच में से दो आरोपी, दीपक और अमित, घटना के समय नशे में थे। प्राथमिकी में आगे कहा गया था कि कार दीपक चला रहा था, जो नशे की हालत में था।

लेकिन अब दिल्ली पुलिस ने आगे की जाँच के बाद कहा है कि इस घटना में सात आरोपी थे। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सागरप्रीत हुड्डा ने कहा, 'हिरासत में लिए गए पांच लोगों के अलावा दो और शामिल थे। हमारे पास वैज्ञानिक सबूत हैं। उन्होंने भीषण अपराध करने वाले लोगों को छिपाने की कोशिश की।'

उन्होंने कहा, 'आरोपियों ने अपराध को छुपाने की साज़िश रची। वे जानते थे कि अंजलि के शव को घसीटा जा रहा था। यह एक भीषण घटना है और हम सबूत इकट्ठा करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि अंजलि को न्याय मिले।'

घटना के घंटों बाद गिरफ्तार किए गए आरोपियों में दीपक खन्ना, मनोज मित्तल, अमित खन्ना, कृष्ण और मिथुन शामिल थे। रिपोर्ट के अनुसार जाँच में पता चला है कि कार अमित खन्ना चला रहा था, दीपक खन्ना नहीं।

पहले आरोपियों ने पूछताछ में कहा था कि दीपक कार चला रहा था। हुड्डा ने कहा कि अमित के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था।

रिपोर्ट के अनुसार अधिकारी ने कहा कि हम सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपी के बयान का खंडन करने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि आरोपी और पीड़ित के बीच कोई संबंध नहीं था।

पीड़िता को टक्कर मारने की घटना रात के क़रीब दो बजे हुई थी। सीसीटीवी फुटेज के अनुसार घटना के लगभग दो घंटे बाद आरोपी कार को उसके मालिक आशुतोष के पास वापस ले आए और एक ऑटोरिक्शा में भाग गए। रोहिणी के सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि आरोपी एक जगह पर कार रोक रहे हैं और सुबह 4.33 बजे ऑटोरिक्शा में निकल रहे हैं।

बता दें कि लड़की की ऑटोप्सी रिपोर्ट ने दुष्कर्म के ऐंगल को खारिज किया है। लड़की के शव की पड़ताल में 'गुप्त अंगों पर कोई चोट नहीं पाई गई है'। कई लोग इसलिए दुष्कर्म की आशंका जता रहे थे और जाँच की मांग कर रहे थे क्योंकि उसका शव नग्न अवस्था में मिला था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि अंजलि की मौत भयानक चोटों से हुई है। उसे कम से कम 40 बाहरी चोटें लगीं, उसकी पसलियाँ उसकी पीठ से बाहर निकली हुई थीं, उसकी खोपड़ी का आधार फ्रैक्चर हो गया था। कहा गया है कि लड़की के शरीर पर जो भी चोट के निशान पाए गए वे कार से घसीटे जाने के कारण हैं। 



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