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शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने रविवार को आरोप लगाया कि शिवसेना के नाम और 'धनुष और तीर' के निशान को "खरीदने" के लिए ₹2,000 करोड़ का लेन-देन हुआ है। महाराष्ट्र की यह राजनीतिक लड़ाई जल्द ही सुप्रीम कोर्ट पहुंचने वाली है। उद्धव ठाकरे ने कल शनिवार को पार्टी की बैठक में कहा था कि वो इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। उद्धव ने कहा था पीएम मोदी और उनके गुलाम चुनाव आयोग ने शिवसेना का नाम और निशान हमसे छीना है। कार्यकर्ता घर-घर जाकर बताएं कि हमारा नाम और निशान चोरी कर लिया गया है।
राउत ने एक ट्वीट में दावा किया कि ₹2,000 करोड़ एक शुरुआती आंकड़ा था और यह 100 प्रतिशत सच था। राज्यसभा सदस्य ने कहा कि उनके दावे को सबूतों का समर्थन प्राप्त है, जिसका खुलासा वह जल्द ही करेंगे। उनका कहना है कि सत्तारूढ़ दल के करीबी एक बिल्डर ने उनके साथ यह जानकारी साझा की थी।
उन्होंने संवाददाताओं से यह भी कहा कि जिस तरह से चुनाव आयोग (ईसी) ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी, वह न्याय नहीं बल्कि "कारोबार" था।
मुझे यकीन है...
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) February 19, 2023
चुनाव चिन्ह और नाम हासिल करने के लिए अब तक 2000 करोड़ के सौदे और लेन-देन हो चुके हैं...
यह प्रारंभिक आंकड़ा है और 100 फीसदी सच है..
जल्द ही कई बातों का खुलासा होगा.. देश के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ था.@ECISVEEP @PMOIndia pic.twitter.com/qokcT3LkBC
राज्यसभा सदस्य ने दावा किया कि अब तक उस मामले में 2,000 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है। यह मेरा शुरुआती अनुमान है। यह मेरी एफआईआर है। यह फैसला खरीदा गया था। सरकार, नेता और बेईमान लोगों का समूह जो एक विधायक को खरीदने के लिए ₹50 करोड़ की कीमत लगाते हैं, संसद सदस्य खरीदने के लिए ₹100 करोड़ की बोली लगाते हैं, हमारे पार्षद और शाखा प्रमुख को खरीदने के लिए ₹1 करोड़ की बोली लगाते हैं, आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वे पार्टी का चुनाव चिह्न और पार्टी का नाम खरीदने के लिए कितनी बोली लगा सकते हैं। यह मेरी जानकारी के अनुसार ₹2,000 करोड़ है।
हालांकि, शिंदे खेमे के विधायक सदा सर्वंकर ने इस दावे को खारिज करते हुए पूछा, 'क्या संजय राउत खजांची हैं
संगठन पर नियंत्रण के लिए लंबी लड़ाई पर 78 पन्नों के आदेश में, चुनाव आयोग ने शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को वास्तविक शिवसेना के रूप में मान्यता दी और उद्धव ठाकरे गुट को "धधकती मशाल" चुनाव चिह्न को आवंटित करने की अनुमति दी थी।
राउत ने आरोप लगाया, चुनाव आयोग का फैसला एक सौदा है। मेरे पास विश्वसनीय जानकारी है कि शिवसेना के नाम और उसके चुनाव चिह्न को हासिल करने के लिए 2000 करोड़ रुपये का सौदा हुआ है। बहुत सी चीजें जल्द ही सामने आएंगी। इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ है।
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