मनीष सिसोदिया के प्रति प्यार जताने वाले एक बैनर के लिए दिल्ली के एक स्कूल पर पुलिस ने मुक़दमा दर्ज किया है। दिल्ली पुलिस ने शनिवार को शास्त्री पार्क क्षेत्र में दिल्ली सरकार के एक स्कूल के खिलाफ केस इसलिए दर्ज किया है कि इमारत के द्वार पर 'मैं मनीष सिसोदिया से प्यार करता हूँ' का एक बैनर लटका दिया गया था। एएनआई ने ख़बर दी है कि कुछ स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया और बाद में उस बैनर को उतार दिया गया।
इन्हीं स्थानीय निवासियों में से एक ने बैनर लगाने के ख़िलाफ़ पुलिस में शिकायत की थी। दीवाकर पांडे द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर दिल्ली पुलिस ने शास्त्री पार्क पुलिस स्टेशन में दिल्ली संपत्ति विकृति रोकथाम अधिनियम की धारा 3 के तहत एक मुक़दमा दर्ज किया है।
मनीष सिसोदिया के प्रति समर्थन जताने और उनका विरोध करने का अभियान सोशल मीडिया पर भी चल रहा है। बच्चों के नाम से चिट्ठियाँ सोशल मीडिया पर साझा की जा रही हैं। दरअसल, यह विवाद इसलिए सामने आया है कि सिसोदिया को दिल्ली के कथित आबकारी घोटाले में सीबीआई द्वारा गिरफ़्तार किया गया है और उन्हें दिल्ली की एक अदालत ने हिरासत में भेज दिया है।
ये आरोप केजरीवाल सरकार की नई शराब नीति में लगे थे, हालाँकि बाद में उस नीति को रद्द कर दिया गया था। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पिछले साल सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। दिल्ली सरकार ने इसके बाद नई शराब नीति को वापस ले लिया था।
मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को राउज़ एवेन्यू कोर्ट में जमानत दायर की थी। ताजा जमानत याचिका में कहा गया है कि सिसोदिया को हिरासत में रखकर कोई उद्देश्य हासिल नहीं किया जाएगा।
याचिका में कहा गया है कि दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम जांच में सहयोग कर रहे थे और जब भी सीबीआई द्वारा बुलाया गया था, तब वह पेश हुए थे। इस मामले में गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपी व्यक्तियों को पहले ही जमानत दी जा चुकी है।
बहरहाल, एएनआई से बात करते हुए शिकायतकर्ता, दीवाकर पांडे ने कहा है, '3 मार्च को सुबह 8-8.30 बजे के बीच, आम आदमी पार्टी के कुछ कार्यकर्ता शास्त्री पार्क में गवर्नमेंट स्कूल के गेट के ऊपर एक बैनर लगा रहे थे। उन्होंने स्कूल से एक डेस्क निकाली। बाहर लाकर उस पर चढ़ गए और गेट पर 'आई लव मनीष सिसोदिया' का एक पोस्टर लगाना शुरू कर दिया, जिससे लोगों ने आपत्ति जताई और कहा कि यह शिक्षा का मंदिर है, इससे राजनीति को दूर रखें'।
उसमें आगे कहा गया, 'हमने उनसे यह भी पूछा कि क्या उनके पास ऐसा करने के लिए अनुमति है। उन्होंने विधायक अब्दुल रहमान से जुड़े होने का दावा किया। इसके बाद एक व्यक्ति ने विधायक से संपर्क किया और उनसे पूछा कि क्या उन्होंने अनुमति दी है और विधायक ने हां में जवाब दिया। हम जानते हैं कि विधायक झूठ बोल रहे हैं। इस तरह की अनुमति कभी भी स्कूल के लिए कुछ राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल नहीं की जाती है।'
शिकायतकर्ता ने कहा कि लोगों के विरोध के बाद बैनर को हटा दिया गया था।
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