अमेरिका ने कहा है कि वो राहुल गांधी के अदालती मामले को देख रहा है। अमेरिका की यह टिप्पणी इस सवाल के जवाब में आई है कि क्या यह लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप है। यूएसए ने कहा कि अमेरिका और भारत लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए प्रतिबद्ध है। जिसमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भी शामिल है।
अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल से कांग्रेस नेता राहुल गांधी को संसद से अयोग्य ठहराने पर उनकी टिप्पणी मांगी गई थी। इसके बाद पटेल से पूछा गया कि क्या अमेरिका अभी भी गांधी के साथ विपक्ष के नेता के रूप में बातचीत कर रहा है। पटेल ने कहा, "किसी भी देश में जहां हमारे द्विपक्षीय संबंध हैं, विपक्षी दलों के सदस्यों के साथ जुड़ना हमारे लिए सामान्य बात है।"
बता दें कि 23 मार्च को सूरत की एक अदालत ने 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी को दोषी पाया और उन्हें दो साल की जेल की सजा सुनाई। कांग्रेस नेता फिलहाल जमानत पर हैं। कर्नाटक में एक अभियान रैली के दौरान की गई टिप्पणी कि "सभी चोरों के नाम में मोदी ही नाम क्यों है" टिप्पणी के बाद मामला दर्ज किया गया था। सजा सुनाए जाने के अगले ही दिन 24 मार्च को उन्हें लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा से अयोग्य घोषित किए जाने के तीन दिन बाद सोमवार को भारत में विपक्षी दलों ने नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अपना हमला तेज कर दिया और "लोकतंत्र के लिए काला दिन" मनाया।
भाजपा ने संसद में विपक्ष द्वारा किए गए हंगामे की निंदा की और कांग्रेस पर ओबीसी समुदाय के खिलाफ गांधी की टिप्पणी को सही ठहराने के लिए "निम्न स्तर की राजनीति" का सहारा लेने का आरोप लगाया। भारत की 16 विपक्षी पार्टियों ने राहुल के मुद्दे पर कांग्रेस का समर्थन भी किया है। संसद परिसर में कल सोमवार को कांग्रेस के साथ प्रदर्शन में 16 पार्टियों के सांसद शामिल थे। तमाम सांसद विरोध में काले कपड़े पहनकर संसद भी पहुंचे थे।
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