मानहानि के मामले में दोषी ठहराए जाने के एक दिन बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज सुबह लोकसभा पहुँचे। सदन में तब अफरा-तफरी मच गई जब कांग्रेस के नेता राहुल को बोलने की इजाजत देने की मांग को लेकर सदन के वेल में पहुंच गए। लोकसभा को कुछ देर बाद स्थगित कर दिया गया।
राहुल गांधी को गुरुवार को 2019 में उनके ख़िलाफ़ दायर आपराधिक मानहानि के मामले में दो साल की जेल की सजा सुनाए जाने के बाद से राजनीतिक सरगर्मियाँ तेज हो गई हैं।
कांग्रेस ने आज राष्ट्रीय राजधानी में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन की योजना बनाई है और फ़ैसले पर चर्चा करने के लिए पार्टी के अन्य नेताओं के साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने के लिए तैयार है। विपक्षी नेताओं ने आज सुबह संसद में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय में मुलाकात की।
राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत द्वारा 2019 के एक अपराधिक मानहानि के मामले में सजा सुनाए जाने के एक दिन बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने शुक्रवार को कहा कि स्वस्थ राजनीतिक प्रक्रिया लोकतंत्र के लिए अहम है और विपक्ष की आवाजों को चुप कराने के लिए कानून का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
बता दें कि राहुल को 2019 में उनके ख़िलाफ़ दायर आपराधिक मानहानि के मामले में दो साल की जेल की सजा सुनाई गई है। हालाँकि उनको तुरंत ही जमानत दे दी गई और अदालत ने उन्हें उच्च न्यायालय में अपील करने की अनुमति देने के लिए सजा को 30 दिनों के लिए निलंबित कर दिया।
राहुल ने कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 को एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कह दिया था, 'क्यों सभी चोरों का समान सरनेम मोदी ही होता है चाहे वह ललित मोदी हो या नीरव मोदी हो या नरेंद्र मोदी सारे चोरों के नाम में मोदी क्यों जुड़ा हुआ है।' सवाल है कि राहुल के इस बयान में आख़िर किस बात को लेकर दोषी ठहराया
राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद उनकी संसद सदस्यता अमान्य होने को लेकर सवाल उठ रहे हैं। कानूनी दिग्गज और पूर्व केंद्रीय क़ानून मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी दो साल की जेल की सजा के साथ ही एक सांसद के रूप में स्वत: ही अयोग्य हो जाते हैं। हालाँकि इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि वह सजा अपने आप में 'विचित्र' है।
कुछ ऐसी ही बात प्रसिद्ध वकील और बीजेपी सांसद महेश जेठमलानी ने कही है। उन्होंने एनडीटीवी से कहा कि कांग्रेस के राहुल गांधी 2013 के सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के तहत संसद से स्वतः अयोग्य हो गए हैं।
बता दें कि 2013 में लिली थॉमस बनाम यूनियन ऑफ़ इंडिया मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फ़ैसला सुनाया था कि कोई भी सांसद, विधायक या एमएलसी जिसे अपराध का दोषी ठहराया जाता है और न्यूनतम 2 साल की जेल दी जाती है, तत्काल प्रभाव से सदन की सदस्यता खो देता है।
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