OROP: चीफ जस्टिस ने फटकारा- सील बंद लिफाफे का धंधा बंद करो

भारत के चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ ने आज सोमवार 20 मार्च को वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि अदालतों में सील बंद लिफाफे के जरिए जवाब देने का इस्तेमाल बंद किया जाए। सीजेआई ने पेंशन भुगतान पर रक्षा मंत्रालय के फैसले पर अटॉर्नी जनरल द्वारा पेश मुहरबंद लिफाफे को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। चीफ जस्टिस ने कहा कि इसमें जो लिखा है, उसे पढ़कर सुनाइए या फिर इसे वापस लीजिए।

चीफ जस्टिस ने यह नाराजगी हालांकि एक केस के संबंध में जताई है। लेकिन इधर सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार के रिश्ते तल्ख होते जा रहे हैं। तमाम मुद्दों पर चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की राय से सरकार की राय तालमेल नहीं खा रही है। अभी पिछले हफ्ते सीजेआई को ट्रोल किया गया। ट्रोल करने वालों का संबंध एक बड़े राजनीतिक दल से बताया गया है। अभी शनिवार को इंडिया टुडे के कार्यक्रम में चीफ जस्टिस ने कहा था कि किसी मुद्दे पर कानून मंत्री की धारणा अलग है, मेरी अलग है। सुप्रीम कोर्ट का कॉलिजियम सिस्टम सबसे बेहतर सिस्टम है। बता दें कि कॉलिजियम सिस्टम पर सरकार और सुप्रीम कोर्ट के बीच टकराव होता रहता है।

लाइव लॉ के मुताबिक सीजेआई चंद्रचूड़ ने आज सोमवार को कहा कि हम कोई गोपनीय दस्तावेज या सीलबंद लिफाफे नहीं लेंगे और मैं व्यक्तिगत रूप से इसके खिलाफ हूं। अदालत में पारदर्शिता होनी चाहिए। यह आदेशों को लागू करने के बारे में है। यहां गोपनीयता क्या हो सकती है उन्होंने कहा- 

मैं "सीलबंद कवर धंधे" को खत्म करना चाहता हूं। अगर सुप्रीम कोर्ट इसका पालन करता है, तो हाईकोर्ट भी इसका पालन करेंगे।


-चीफ जस्टिस, सुप्रीम कोर्ट, 20 मार्च, 2023 सोर्सः लाइव लॉ

भारत के चीफ जस्टिस ने सीलबंद लिफाफे को 'पूरी तरह से स्थापित न्यायिक सिद्धांतों के खिलाफ' बताया। डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा- इसका सहारा तभी लिया जा सकता है जब यह किसी सोर्स के बारे में हो या किसी के जीवन को खतरे में डालने वाला हो। 

उन्होंने कहा- 

अदालत पूर्व सैनिकों को ओआरओपी बकाया भुगतान पर सरकार की कठिनाइयों को जानती है, लेकिन अदालत कार्रवाई की योजना जानना चाहती है।


-चीफ जस्टिस, सुप्रीम कोर्ट, 20 मार्च, 2023 सोर्सः लाइव लॉ

इसके बाद अटॉर्नी जनरल ने रिपोर्ट पढ़ी। जिसमें कहा गया है कि सरकार का बजट परिव्यय इस विशाल भुगतान को एक बार में पूरा करने में सक्षम नहीं है। संसाधन सीमित हैं और व्यय को विनियमित करने की जरूरत है। इस संंबंध में वित्त मंत्रालय को विश्वास में लिया गया था। जिसने कहा है कि वो एक बार में इस भुगतान को पूरा करने में असमर्थ है। 

इससे पहले अटॉर्नी जनरल वेंकटरमणी ने कहा - 

आप पेंशन भुगतान के केवल एक क्षेत्र पर ध्यान नहीं दे सकते। यह अर्थव्यवस्था के बारे में है। ये राजकोषीय नीति के मामले हैं...


-आर. वेंकटरमणी, अटॉर्नी जनरल भारत सरकार, 20 मार्च 2023, सोर्सः लाइव लॉ

इस पर पूर्व सैनिकों की ओर से सीनियर एडवोकेट हुजैफा अहमदी ने कहा - 

उन्होंने (पूर्व सैनिकों) अपने जीवन के सर्वश्रेष्ठ वर्षों में देश की सेवा की है और ऐसा क्यों है कि वे सरकार की अंतिम प्राथमिकता हैं।


-हुजैफा अहमदी, सीनियर एडवोकेट, 20 मार्च 2023, सोर्सः लाइव लॉ

सीनियर एडवोकेट हुजैफा अहमदी ने पूर्व सैनिकों को भुगतान के मुद्दे पर सरकार के वादे का पर्दाफाश करते हुए आज कहा -

सरकार ने पहले कहा था कि हम आपको 2019 में भुगतान करेंगे, अब कह रहे हैं कि वो अप्रैल 2024 में भुगतान करेंगे। यह बेहद अनुचित है। यह सर्कुलर उच्चतम स्तर के परामर्श के बिना जारी नहीं किया जा सकता था। ऐसा नहीं है कि सरकार के पास पैसा नहीं है।


-हुजैफा अहमदी, सीनियर एडवोकेट, 20 मार्च 2023, सोर्सः लाइव लॉ

चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की बेंच ओआरओपी बकाया भुगतान पर भारतीय पूर्व सैनिक आंदोलन (आईईएसएम) की याचिका पर सुनवाई कर रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने 13 मार्च को चार किस्तों में ओआरओपी बकाये का भुगतान करने के "एकतरफा" फैसले के लिए सरकार की जमकर खिंचाई की थी।

रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा और एक नोट दाखिल किया था, जिसमें पूर्व सैनिकों को 2019-22 के लिए 28,000 करोड़ रुपये के बकाए के भुगतान का टाइम टेबल दिया गया है।



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