भारतीय वायुसेना का मिग-21 लड़ाकू विमान आज सुबह राजस्थान के हनुमानगढ़ के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान ने सूरतगढ़ से उड़ान भरी थी। पायलट सुरक्षित है। , दो ग्रामीणों की मौत pic.twitter.com/xT80Fe9dNc
— Vijay Singh (@VijaySingh1254) May 8, 2023
राजस्थान के सूरतगढ़ में आज सोमवार सुबह वायुसेना का मिग-21 विमान हादसे का शिकार हो गया। जिसमें दो महिलाओं समेत तीन लोगों की मौत हो गई और दो जख्मी हो गए। एक अन्य खबर में कहा गया है कि लड़ाकू विमान मकान की छत पर गिरा। पीटीआई की खबर में बताया गया है कि यह विमान नियमित ट्रेनिंग उड़ान पर था। हादसे में पायलट सुरक्षित है। लेकिन मामूली चोटें आईं हैं। हादसे की वजह का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी गई है।
A MiG-21 aircraft of the IAF crashed near Suratgarh during a routine training sortie today morning. The pilot ejected safely, sustaining minor injuries.
— Indian Air Force (@IAF_MCC) May 8, 2023
An inquiry has been constituted to ascertain the cause of the accident.
मिग-21 भारतीय वायुसेना द्वारा उड़ाए जाने वाले छह लड़ाकू विमानों में से एक हैं। सिंगल-इंजन, सिंगल-सीटर मल्टी-रोल फाइटर/ग्राउंड अटैक प्लेन को पहली बार 1963 में इंटरसेप्टर एयरक्राफ्ट के रूप में शामिल किया गया था। IAF ने 2025 तक मिग -21 के सभी शेष स्क्वाड्रनों को धीरे-धीरे हटाने की योजना बनाई है।
क्यों गिर रहे हैं मिग 21
पिछले एक साल में वायुसेना के मिग 21 विमान गिरने की यह सातवीं घटना है। अक्टूबर 2022 में जो पिछल हादसा हुआ था, उसमें वायुसेना के दो पायलटों की मौत हो गई थी।2021 में पांच मिग-21 विमान दुर्घटनाग्रस्त हुए, जिसमें तीन पायलटों की मौत हो गई। रक्षा ब्लॉग भारत रक्षक के अनुसार, कुल 292 मिग-21 दुर्घटनाएँ हुई हैं, पहली बार 1963 में रिपोर्ट की गई थी।
ऐसा नहीं है कि सिर्फ मिग-21 ही हादसे का शिकार हो रहा है। लेकिन इसकी तादाद ज्यादा है। एक आंकड़े के मुताबिक 2021 में 11 भारतीय सैन्य विमान दुर्घटनाग्रस्त हुए, जिनमें से पांच मिग -21 थे। मिग 21 सैन्य क्षेत्रों में अपनी क्रैश फ्रीक्वेंसी की वजह से वर्षों से 'फ्लाइंग कॉफिन' और 'विडो मेकर' के उपनाम हासिल किए हैं।
हादसे की अलग-अलग वजहें
हर विमान हादसे की अलग से जांच की जाती है और उनमें से कई की वजहें अजीबोगरीब होती हैं। द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, अतीत में विमान हादसों को मोटे तौर पर तकनीकी खराबी, मानवीय गलती और पक्षी से टकराने की वजह बताया जाता रहा है।इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में यह बात प्रमुखता से बताई गई है कि जब भी लड़ाकू विमानों के हादसे की बात आती है तो मिग-21 सबसे आगे होता है क्योंकि यह भारतीय वायुसेना में सबसे पुराना सेवारत विमान है। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट बताती है कि मिग-21 चूंकि इतने वर्षों से है तो जाहिर है कि उनके हादसों की संख्या भी अधिक है। वायुसेना में सबसे ज्यादा इस्तेमाल इसी विमान का होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि बारत में दुर्घटना दर अधिक है।
डिफेंस जर्नलिस्ट रजत पंडित का एक पुराना ट्वीट बताता है कि सैन्य उड्डयन स्वाभाविक रूप से खतरनाक है, लेकिन भारत की दुर्घटना दर किसी भी मानक से अधिक है। अप्रचलित उड़ने वाली मशीनें, घटिया रखरखाव, और एयरक्रू और ग्राउंड-क्रू के लिए अपर्याप्त प्रशिक्षण इसकी खास वजहों में है।
हालांकि मिग-21 के साथ सामान्य रूप से कुछ भी गलत नहीं है, और कई विमान नियमित रूप से आसमान में उड़ान भरते हैं। विशेषज्ञों ने इस तथ्य पर प्रकाश डाला है कि उन्हें 60 के दशक में शामिल किया गया था और वर्तमान में भारतीय सेवा में सभी मिग-21 आधुनिक होने के बावजूद कम से कम 35 साल पुराने हैं।
पूर्व इंडियन एयरफोर्स कमांडर ने द प्रिंट को नाम न छापने की शर्त पर पिछले साल बताया था कि मिग का यह कोई भी संस्करण हो, तथ्य यह है कि यह मिग -21 है। जिसमें इंजन तो वही रहता है। यह सड़कों पर फोर्ड टी मॉडल कार लेने जैसा है। बता दें कि फोर्ट टी मॉडल पहली बड़े पैमाने पर उत्पादित कारों में से एक थी। अब तो भारत में भी फोर्ड कारों का उत्पादन बंद है और यह अमेरिकी कंपनी अपना कारोबार समेट कर भारत से जा चुकी है।
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