अधिनायकवादी पीएम ने किया उद्घाटनः कांग्रेस

नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का करीब 20 विपक्षी दलों ने जहां बहिष्कार किया, वहां मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने आज रविवार को केंद्र सरकार और भाजपा पर तीखा हमला किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने आज सुबह नए संसद भवन में सेंगोल स्थापित करने और पूजा पाठ के बाद नए संसद भवन का उद्घाटन किया, उनके साथ लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला भी थे। नए संसद भवन में अब दोपहर से समारोह का दूसरा चरण शुरू हो गया है। जिसमें भाषण चल रहे हैं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज एक ट्वीट में कहा - संसद लोगों की आवाज़ है! प्रधानमंत्री संसद भवन के उद्घाटन को राज्याभिषेक समझ रहे हैं।

कांग्रेस ने कहा कि "संसदीय प्रक्रियाओं के लिए घोर तिरस्कार के साथ एक आत्म-गौरवशाली सत्तावादी पीएम" ने नया परिसर खोल दिया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पीएम पर हमला बोलते हुए कहा, 'आज के दिन, 28 मई: नेहरू, जिस व्यक्ति ने भारत में संसदीय लोकतंत्र को पोषित करने के लिए सबसे अधिक काम किया, उनका 1964 में अंतिम संस्कार किया गया था। महात्मा गांधी का जन्म 1883 में हुआ था।"

रमेश ने यह भी कहा कि इस दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, जो पहली आदिवासी हैं, को अपने संवैधानिक कर्तव्यों को पूरा करने और नए संसद भवन का उद्घाटन करने की अनुमति नहीं दी गई।

उन्होंने कहा, "एक आत्म-गौरवशाली अधिनायकवादी प्रधानमंत्री, जो संसदीय प्रक्रियाओं के लिए पूरी तरह तिरस्कार करता है, जो शायद ही कभी संसद की बहस में शामिल होता है, 2023 में नए संसद भवन का उद्घाटन करता है।"

रमेश ने कहा कि "विघटनकारी" द्वारा तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करना और मीडिया का ढोल पीटना 2023 में नए निचले स्तर पर पहुंच गया है।

रविवार को नए संसद भवन में स्थापित किए गए सेंगोल के इतिहास और प्रधानमंत्री द्वारा किए जा रहे नए संसद के उद्घाटन को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच जंग छिड़ी हुई है। कई विपक्षी दलों ने इस कार्यक्रम का यह कहते हुए बहिष्कार किया है कि नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री को नहीं बल्कि राष्ट्रपति को करना चाहिए।



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