मणिपुर में हाल के दिनों में हुई हिंसा की जांच के लिए केंद्र सरकार एक न्यायिक आयोग का गठन करेगी। हाईकोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस स्तर के रिटायर्ड जज से इस हिंसा की जांच करवाई जाएगी। इसकी जानकारी गुरुवार को मणिपुर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी।
मणिपुर में हाल की स्थिति की जानकारी देने के लिए आयोजित इस प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि भारत सरकार मणिपुर की गवर्नर की अध्यक्षता में एक शांति समिति का गठन करेगी। जिसमें सभी का समावेश होगा। इसमें उद्योगपति, खिलाड़ी, विभिन्न राजनैतिक दलों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
उन्होंने कहा कि 29 अप्रैल को मणिपुर हाईकोर्ट के एक फैसले के कारण राज्य में दो ग्रुप के बीच हिंसा की शुरुआत हुई थी। अब स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।
गृहमंत्री ने कहा कि मैंने तीन दिन अस्थायी राहत कैंपों का दौरा किया है। विभिन्न संगठनों के साथ बैठक और बातचीत की है।
मणिपुर में सुरक्षा के लिए विभिन्न एजेंसियां कामकाज कर रही हैं, इनके बीच बेहतर समन्वय के लिए सीआरपीएफ के रिटायर्ड डीजी कुलदीप सिंह कि अध्यक्षता में इंटर एजेंसी यूनिफाइड कमांड की व्यवस्था आज से ही लागू होगी।
सीबीआई भी करेगी जांच
उन्होंने कहा कि जितने भी केस रजिस्टर्ड किए गए हैं उनमें से छह केस की जांच सीबीआई का विशेष दल करेगा। जो भारत सरकार के तत्वावधान में किया जायेगा। किसी भी पक्षपात और भेदभाव के बगैर हिंसा के मूल तक जाकर आने वाले समय में कभी हिंसा नहीं हो इसके लिए निष्पक्ष जांच और दोषियों को दंडित करने की कार्रवाई की जायेगी।
मृतकों के परिजनों को मिलेंगे दस लाख रुपएः प्रेस कॉन्फ्रेंस में गृहमंत्री ने कहा कि इस हिंसा के पीड़ितों के लिए एक रिलिफ पैकेज भी बनाया गया है, जिन लोगों की भी जान गई है उन सभी को पांच लाख रुपए मणिपुर सरकार और पांच लाख रुपए भारत सरकार की ओर से कुल दस लाख रुपए की राशि उनके परिजनों के बैंक खाते में दी जायेगी। जो घायल हुए हैं , जिनकी संपत्ति का नुक़सान हुआ है उनके लिए भी एक राहत एवं पुनर्वास पैकेज तय किया गया है जिसकी घोषणा शुक्रवार को भारत सरकार का गृह मंत्रालय करेगा।
मणिपुर के लोगों के लिए 30 हजार टन अतिरिक्त चावल भेजा है। गैस , पेट्रोल, दवाईयों और सब्जियों की आपूर्ति की भी आपूर्ति की व्यवस्था कर दी गई है। आवाजाही में अभी दिक्कत है। लेकिन इसे जल्द से जल्द ठीक कर लिया जायेगा। रेल से भारत के अन्य इलाकों से जरूरी सामानों की आपूर्ति चार-पांच दिनों में शुरू हो जायेगी।
हथियार मिला तो होगी कार्रवाई
गृहमंत्री ने कहा कि समझौते की शर्तों का कठोरता से पालन होगा। जिनके पास हथियार है वे पुलिस के पास सरेंडर कर दें। कल से पुलिस कांबिंग ऑपरेशन करेगी, इसके बाद जिसके पास हथियार मिलेंगे उन पर कठोर न्यायिक धारा लगाई जायेगी। उन्होंने सभी संगठनों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
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