मणिपुर पर केंद्र जागा, सिविल सोसाइटी को साथ लेकर शांति समिति गठित

मणिपुर में केंद्र सरकार ने शनिवार को एक शांति समिति का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता राज्यपाल करेंगे। यह कमेटी राज्य के विभिन्न जातीय समूहों के बीच शांति प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए शांतिपूर्ण बातचीत से हल तलाशेगी। पीटीआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। एक अन्य घटनाक्रम में असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने आज मणिपुर के सीएम एन. बीरेन सिंह से मुलाकात की थी। असम के सीएम पूर्वोत्तर के मुख्यमंत्रियों से निरंतर संपर्क में रहते हैं। समझा जाता है कि केंद्रीय गृह मंत्री के विशेष दूत के रूप में असम के सीएम ने मणिपुर के सीएम से मुलाकात की है। 

यह शांति समिति ऐसे समय घोषित की गई है, जहां मणिपुर से लगातार हिंसा की खबरें मिल रही हैं। बीजेपी शासित मणिपुर में करीब दो महीने से हिंसा हो रही है। हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वहां का दौरा भी किया था लेकिन हिंसा की घटनाएं रुक नहीं रही हैं। अब तो पुलिस वर्दी में वहां हमले हो रहे हैं। जो काफी चिन्ता का विषय है।

पीटीआई के मुताबिक गृह मंत्रालय ने कहा है कि समिति का जनादेश राज्य के विभिन्न जातीय समूहों के बीच शांति प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए होगा, जिसमें शांतिपूर्ण वार्ता और परस्पर विरोधी दलों / समूहों के बीच बातचीत शामिल है। मंत्रालय ने कहा कि समिति को सामाजिक सामंजस्य, आपसी समझ को मजबूत करना चाहिए और विभिन्न जातीय समूहों के बीच सौहार्दपूर्ण संवाद की सुविधा प्रदान करनी चाहिए।

समिति के सदस्यों में मुख्यमंत्री, राज्य सरकार के कुछ मंत्री, सांसद, विधायक और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल हैं। समिति में पूर्व सिविल सेवक, शिक्षाविद्, साहित्यकार, कलाकार, सामाजिक कार्यकर्ता और विभिन्न जातीय समूहों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी मणिपुर यात्रा के दौरान स्थिति का जायजा लेने के बाद शांति समिति के गठन की घोषणा की थी। लेकिन उस पर पहल आज शनिवार को की गई है।

सूत्रों ने कहा कि सुरक्षा बलों ने पिछले 24 घंटों के दौरान मणिपुर के इंफाल पूर्व, काकचिंग, टेंग्नौपाल और बिष्णुपुर जिलों से 57 हथियार, 1,588 गोला-बारूद और 23 बम बरामद किए। अब तक कुल 953 हथियार, 13,351 गोला बारूद और विभिन्न प्रकार के 223 बम बरामद किए गए हैं।

मणिपुर की अपनी यात्रा के दौरान, शाह ने छह एफआईआर की सीबीआई जांच की भी घोषणा की थी - पांच कथित आपराधिक साजिश पर और एक मणिपुर में हिंसा के पीछे सामान्य साजिश पर। बाद में, सीबीआई ने संयुक्त निदेशक घनश्याम उपाध्याय को राज्य के अधिकारियों के साथ समन्वय करने के लिए भेजा था और उनकी वापसी पर एसआईटी गठित की गई थी। विशेष अपराध शाखा, कोलकाता मामलों की जांच करेगी।



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