क्या पीएम ओडिशा हादसे की ज़िम्मेदारी लेंगे, रेल मंत्री इस्तीफा देंगे: कांग्रेस

कांग्रेस ने रविवार को ओडिशा के बालासोर में तीन रेलगाड़ियों की दुर्घटना को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का इस्तीफा मांगा है। कांग्रेस ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि इस्तीफा देने का मतलब है नैतिक जिम्मेदारी लेना। इसने आरोप लगाया कि इस सरकार में न जिम्मेदारी दिखती है, न नैतिकता। प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने पीएम मोदी को संबोधित करते हुए कहा, 'प्रधानमंत्री जी, ये देश उम्मीद करता है कि जिस तरह लाल बहदुर शास्त्री जी, नीतीश कुमार जी, माधव राव सिंधिया जी ने इस्तीफा दिया था, उस तरह आप भी अपने रेल मंत्री का इस्तीफा लें।'

इसके साथ ही कांग्रेस ने मोदी सरकार से तीन बड़े सवाल पूछे हैं- 

  • क्या पीएम सदी की सबसे भयावह रेल दुर्घटना की जिम्मेदारी लेंगे
  • क्या प्रधानमंत्री जी, अपने रेल मंत्री का इस्तीफा लेंगे
  • सीएजी, पार्लियामेंट स्टैंडिंग कमेटी जैसी रिपोर्ट्स पर पीएम की तरफ से कौन जवाब देगा

ओडिशा में हुए इस हादसे में कम से कम 275 लोगों की जान चली गई और 1,000 से अधिक घायल हो गए। इसी घटना को लेकर नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस सांसद शक्तिसिंह गोहिल और प्रवक्ता पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि ओडिशा ट्रेन दुर्घटना 'मानव निर्मित तबाही' थी। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से लापरवाही, सिस्टम में गंभीर चूक, अक्षमता और सबकुछ जानने की आत्ममुग्धता की एक संकीर्ण भावना के कारण हुई। 

पवन खेड़ा ने प्रधानमंत्री मोदी के बयान का हवाला देते हुए कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि दोषियों को दंडित किया जाएगा, तो उन्हें यह वैष्णव से शुरू करना चाहिए। स्पष्ट रूप से हम केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग करते हैं। इससे कम कुछ नहीं।'

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि उनकी 'पीआर नौटंकी' ने गंभीर कमियों, आपराधिक लापरवाही और भारतीय रेलवे की सुरक्षा और संरक्षा के लिए पूरी अनदेखी की। 

पवन खेड़ा और शक्तिसिंह गोहिल दोनों ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर सवाल उठाया और कहा, "पीएम मोदी खुद वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने के लिए जिम्मेदार हैं। भारतीय रेलवे में इस 'ऑल इज वेल' पहलू को बनाने के लिए वह खुद जिम्मेदार हैं, यहां तक कि भारतीय रेलवे के महत्वपूर्ण, संवेदनशील और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की उपेक्षा की जा रही है।"

कांग्रेस ने कहा कि 9 फरवरी को रेल मिनिस्ट्री में सर्कुलेट हुई आंतरिक रिपोर्ट में कहा गया कि सिग्नल इंटरलॉकिंग सिस्टम में खामी है, ये सही नहीं हुई तो हादसे होते रहेंगे। इसने पूछा हम जानना चाहते हैं कि इस रिपोर्ट पर क्या कदम उठाए गए

कांग्रेस ने कहा कि आप रेल मंत्री के ट्विटर टाइमलाइन पर जाएंगे तो रेलवे की हकीकत दिख जाएगी। रेल विभाग में 3.12 लाख पद खाली हैं। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने रेलवे में की जा रही 'सुरक्षा की अनदेखी' को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, 'सीएजी की रिपोर्ट बताती है कि 2017 से 2021 के बीच ट्रेन के पटरी से उतरने की 1,127 घटनाएं हुई हैं। मोदी सरकार में ट्रैक की मरम्मत/नवीनीकरण का बजट हर साल कम होता जा रहा है। यही नहीं, जो बजट है उसका इस्तेमाल नहीं हो रहा है।' उन्होंने आगे कहा,  

हम हाई-स्पीड ट्रेन के खिलाफ नहीं हैं लेकिन 10-15 चमकती ट्रेन दिखाकर आप पूरा ढांचा खोखला कर देंगे, ये मंजूर नहीं है।


पवन खेड़ा, कांग्रेस

प्रेस कॉन्फ़्रेंस में शक्तिसिंह गोहिल ने कहा, 'ट्रांसपोर्ट टूरिज्म एंड कल्चर डिपार्टमेंट से संबंधित स्टैंडिंग कमेटी की एक रिपोर्ट है, जो कि राज्यसभा में पेश हुई थी। इस रिपोर्ट में रेलवे की आलोचना की गई थी क्योंकि रेलवे बोर्ड, रेलवे सुरक्षा आयोग की सिफारिशों पर ध्यान नहीं दे रहा था।' 

उन्होंने आगे कहा, 'मोदी सरकार ने कमेटी के कहने के बावजूद गलतियां नहीं सुधारीं। कमीशन रेलवे सेफ्टी की स्वतंत्रता को खत्म कर शक्ति रेलवे को दे दी गई। 9 फरवरी 2023 की आंतरिक रिपोर्ट में सिग्नल सेफ्टी पर बात करते हुए कहा गया था कि अगर सिग्नल का काम ठीक नहीं हुआ तो बड़ी दुर्घटना हो सकती है। फिर भी मोदी सरकार ने इस रिपोर्ट पर ध्यान नहीं दिया।'

प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले कांग्रेस ने इस मामले में अपना बयान जारी किया। जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा है कि 'इसमें इसमें इस बात को लेकर सवाल है कि कैसे रेल सुरक्षा और ट्रैक नवीनीकरण को पीछे छोड़ दिया गया है। सिर्फ हाई-प्रोफाइल उद्घाटन और गति को लेकर जुनून को प्राथमिकता दी जा रही है। इसमें तीन बुनियादी सवाल हैं।'

बता दें कि ओडिशा की इस दुर्घटना को लेकर रेलवे ने रेलवे सुरक्षा आयुक्त द्वारा वैधानिक जांच के अलावा एक उच्च स्तरीय जांच की घोषणा की है। अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि घटना के मूल कारण की पहचान कर ली गई है, और कहा कि यह प्वाइंट मशीन और इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग का मुद्दा है।

वैष्णव ने कहा है कि इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में जो बदलाव किया गया था, उसकी पहचान कर ली गई है। वैष्णव ने कहा कि इस घटना का टकराव रोधी प्रणाली कवच से कोई लेना-देना नहीं है।



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