महाराष्ट्र सरकार ने अडानी को बेचा दिघी पोर्ट, ₹10,000 करोड़ का निवेश कर गेटवे तैयार करेगी कंपनी

अडानी-ठाकरे

--- महाराष्ट्र सरकार ने अडानी को बेचा दिघी पोर्ट, ₹10,000 करोड़ का निवेश कर गेटवे तैयार करेगी कंपनी लेख आप ऑपइंडिया वेबसाइट पे पढ़ सकते हैं ---

अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड (APSEZ) ने सोमवार (फरवरी 15 , 2021) को 705 करोड़ रुपए में दिवालिया (बैंकरप्ट) प्रक्रिया से गुजर चुकी Dighi Port Limited (DPL- दिघी पोर्ट लिमिटेड) का अधिग्रहण कर लिया है। दिघी पोर्ट को अप्रैल में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) द्वारा दिवालिया घोषित किया गया था। यह महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के राजपुरी क्रीक के किनारे स्थित है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, APSEZ ने बताया कि वह इसे JNPT (Jawaharlal Nehru Port Trust) के वैकल्पिक गेटवे के तौर पर विकसित करने के लिए 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश करेगी। JNPT भारत का सबसे बड़ा कंटेनर पोर्ट है और देश के 12 बड़े बंदरगाहों में से एक भी।

महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार द्वारा दिघी पोर्ट के 100% स्टेक अडानी पोर्ट्स बेचने के बाद कंपनी (APSEZ) के सीईओ करन अडानी ने कहा कि दिघी पोर्ट लिमिटेड (DPL) के सफल अधिग्रहण ने अडानी पोर्ट के बंदरगाहों को बनाने के लक्ष्य में एक अन्य कीर्तिमान जोड़ा है, जिससे भारत के पूरे आर्थिक क्षेत्र में सर्विस कवरेज बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि कंपनी के ग्रोथ पर फोकस, अनुभव और अधिग्रहण करने की निपुणता के साथ, उन्हें DPL को शेयरधारकों के लिए बेहतर वैल्यू वाला बनाने का विश्वास है।

इस अधिग्रहण के बाद उद्योगपति गौतम अडानी के नेतृत्व वाला APSEZ, महाराष्ट्र में ग्राहकों को अपनी सेवा दे सकेगा, जिसके अंतर्गत बड़े औद्योगिक क्षेत्र, मुंबई और पुणे क्षेत्रों का विकास शामिल है। कंपनी मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत और मरम्मत करेगी और ड्राई, कंटेनर और लिक्विड कार्गो के लिए सुविधाओं के विकास में निवेश करेगी।

दिघी पोर्ट के विकास से विभिन्न उद्योगों जैसे- उपभोक्ता उपकरण, धातु, ऊर्जा, पेट्रोकेमिकल्स, और रसायन व्यवसाय महाराष्ट्र में निवेश को बढ़ावा मिलेगा और महाराष्ट्र में औद्योगिक विकास को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा। दिघी पोर्ट को मूल रूप से मुंबई के उद्योगपति विजय कलंतरी द्वारा विकसित किया गया था।

रेजोल्यूशन प्लान की शर्तों के अनुसार, राज्य बंदरगाह नियामक ‘महाराष्ट्र मेरिटाइम बोर्ड’ (MMB) और APSEZ से कंसेशन राइट्स के ट्रांसफर को भी मंजूरी मिल गई है, जिसने फाइनेंशियल क्रेडिटर्स, MMB के बकाया और दूसरे लागत और क्लेम का सेटलमेंट कर दिया है।



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