संसद आज 13 मार्च से फिर शुरू हो रही है। कई विपक्षी सांसदों ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के नोटिस दिए हैं लेकिन सभी के मुद्दे अलग-अलग हैं। हालांकि अडानी के मुद्दे पर फिर से हंगामा होने की संभावना है। हालांकि अडानी मुद्दे पर सरकार की स्पष्ट सफाई अभी तक नहीं आई है। कांग्रेस के मनीष तिवारी ने चीन पर बहस कराने का नोटिस दिया है। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज सुबह कहा कि कांग्रेस मूल्य वृद्धि, केंद्रीय एजेंसियों सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स जैसी एजेंसियों के कथित दुरुपयोग और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और एलआईसी में जनता के जोखिम जैसे मुद्दों को उठाएगा।
अडानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट ने पिछले महीने बजट सत्र को हंगामेदार बना दिया था। विपक्ष ने मामले की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति के गठन की मांग की है। लेकिन मोदी सरकार ने गठन से मना कर दिया है। इधर, जांच एजेंसियों ने लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। कई और विपक्षी नेता केंद्रीय जांच एजेंसियों के रडार पर हैं। ऐसे में विपक्ष इस पर भी हंगामा कर सकता है।
सदन में विपक्ष की रणनीति पर कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय में कई दलों ने अपनी रणनीति साझा की है। वे कांग्रेस द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दों का समर्थन करने को तैयार हैं।
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सत्र के फिर से शुरू होने से एक दिन पहले सदन के नेताओं से मुलाकात की और संसदीय कार्यवाही में हंगामे को रोकने के तरीकों पर चर्चा की थी। विपक्षी नेताओं ने मांग की कि उन्हें जनता से संबंधित सभी मुद्दों को उठाने की अनुमति दी जाए और सत्र फिर से शुरू होने पर सदन में अडानी समूह का उल्लेख किया जाए। अडानी समूह में एसबीआई और एलआईसी के जोखिम के संबंध में विपक्षी दलों ने उनकी वित्तीय स्थिति पर चिंता व्यक्त की है।
हालांकि, बजट सत्र के दूसरे भाग का फोकस वित्त विधेयक के पारित होने और मंत्रालयों के लिए अनुदान की मांग पर रहेगा। बजट से संबंधित व्यवसाय एक संवैधानिक दायित्व है। संसद के समक्ष अलग से 35 विधेयक लंबित हैं।
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