कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को दिल्ली पुलिस के उस नोटिस पर प्रारंभिक जवाब भेज दिया है जो उनसे भारत जोड़ो यात्रा को लेकर भेजा गया था। नोटिस में दिल्ली पुलिस ने राहुल से कहा था कि वह उन पीड़ितों की जानकारी साझा करें जिन्होंने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान उनसे शारीरिक शोषण की शिकायत की थी। एक रिपोर्ट के अनुसार राहुल ने आज चार पन्नों का जवाब भेज दिया है।
दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को राहुल गांधी को नोटिस दिया था और आज यानी रविवार को पुलिस इस मामले में कथित तौर पर राहुल से पूछताछ करने उनके घर पहुँच गई। पुलिस की इस कार्रवाई को कांग्रेस पार्टी ने 'धमकाने का प्रयास' क़रार दिया। कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस अमित शाह के आदेश के बिना ऐसा क़दम नहीं उठा सकती है।
पुलिस के पहुँचने के घंटों बाद कांग्रेस नेता ने 10 बिंदुओं में जवाब दिया। पीटीआई की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि उन्होंने अपनी 30 जनवरी की टिप्पणी को लेकर दिल्ली पुलिस द्वारा पूछे गए सवालों का विस्तृत जवाब देने के लिए आठ से दस दिन का समय मांगा है।
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि राहुल गांधी ने पुलिस कार्रवाई को 'अभूतपूर्व' करार दिया और पूछा कि क्या अडानी मुद्दे पर संसद के अंदर और बाहर उनके रुख से इसका कोई लेना-देना है। राहुल ने यह भी पूछा है कि श्रीनगर में अपना भाषण देने के 45 दिनों के शुरुआती अंतराल के बाद दिल्ली पुलिस की ओर से दो दौरे करने की क्या जल्दी थी।
सूत्रों के अनुसार पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने पूछा है कि क्या सत्ताधारी दल सहित किसी अन्य राजनीतिक दल की इस तरह की जांच की गई है या उनके राजनीतिक अभियानों पर सवाल उठाए गए हैं।
इससे पहले आज जब दिल्ली पुलिस की टीम पहुँची थी तो कांग्रेस ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए थे। विवाद होने पर दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने कहा है कि, "राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान श्रीनगर में कहा था कि 'मैंने सुना है कि महिलाओं का अभी भी यौन उत्पीड़न किया जा रहा है', और चूँकि यात्रा दिल्ली से भी गुजरी थी, पुलिस यह पता लगाना चाहती है कि क्या किसी पीड़ित ने कांग्रेस नेता से यहाँ संपर्क किया था ताकि वे मामले की जाँच शुरू कर सकें।" अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने राहुल से इन पीड़ितों की जानकारी देने को कहा ताकि उन्हें सुरक्षा दी जा सके।
बता दें कि दिल्ली पुलिस आज जब उनके घर पर पहुँची तो कांग्रेस ने इसकी आलोचना की। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को कहा,
“
अमित शाह के संकेत के बिना दिल्ली पुलिस राहुल गांधी से पूछताछ करने के लिए उनके आवास पर नहीं पहुंच सकती।
अशोक गहलोत, राजस्थान सीएम
कांग्रेस ने इस मामले में प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस यह 'शर्मनाक क़दम' उठा रही है। अशोक गहलोत ने कहा कि लोकतंत्र ख़तरे में है और राहुल गांधी इस पर सवाल उठा रहे हैं तो इनको तकलीफ क्यों हो रही है।
गहलोत ने संवाददाताओं से कहा, 'जिस तरह से वे बर्ताव कर रहे हैं वह ऊपर से संकेत के बिना संभव नहीं है। मैं नहीं मानता कि दिल्ली पुलिस खुद से आगे बढ़कर ऐसा पहल कर सकती है। कोई कारण ही नहीं है।' उन्होंने आगे कहा कि 'अमित शाह और गृह मंत्रालय के आदेश के बिना पुलिस ऐसा करने की हिम्मत नहीं करती। वे बिना वजह एक राष्ट्रीय नेता के आवास में घुस गए हैं। और पुलिस ने ऐसा इस तथ्य के बावजूद किया है कि राहुल पहले ही कह चुके हैं कि उसके नोटिस का जवाब दिया जाएगा।'
गहलोत ने कहा, 'बिना किसी ऊपरी इशारे के दिल्ली पुलिस इस प्रकार का साहस करे, यह असंभव है। 75 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा होगा कि इस आधार पर केस दायर कर किसी राजनेता से पूछताछ की गई हो। मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं।'
प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, '16 मार्च को राहुल गांधी जी को एक नोटिस भेजा गया। जिसमें दिल्ली पुलिस ने उनसे 'भारत जोड़ो यात्रा' में मिली पीड़ित महिलाओं की जानकारी मांगी थी। आज पुलिस नए नोटिस के साथ फिर यही सवाल पूछने आ गई। यह उत्पीड़न, प्रतिशोध और धमकी की राजनीति का नया आयाम बनाया गया है।'
पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि मोदी जी के 'परम मित्र' को बचाने के लिए मोदी सरकार पूरी तरह बौख़ला गई है! उन्होंने पूछा कि भारत जोड़ो यात्रा के 45 दिन बाद आख़िर दिल्ली पुलिस राहुल गांधी के घर क्यों गई
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