महिला पहलवानों के मामले में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति की भारत को चेतावनी

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) ने भारत में महिला पहलवानों के साथ हुई बदसलूकी और सारे घटनाक्रम पर सख्त आपत्ति जताई है। उसने चेतावनी भी जारी की है। भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस संस्था की सदस्यता से बाहर भी किया जा सकता है। स्विट्जरलैंड के लुसाने से आईओसी के प्रवक्ता ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि रविवार 28 मई को भारतीय एथलीटों के साथ जो "तरीका" अपनाया गया, उनके साथ मारपीट की गई और उन्हें घंटों हिरासत में रखा गया, वह "बहुत परेशान करने वाला" है।

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक IOC ने यौन उत्पीड़न के आरोपों की "निष्पक्ष, आपराधिक जांच" के लिए कहा और कहा: "हम आग्रह करते हैं कि इस प्रक्रिया के दौरान इन एथलीटों की सुरक्षा और भलाई पर विधिवत विचार किया जाए और यह जांच तेजी से पूरी की जाए।" आईओसी ने पीटी उषा की अध्यक्षता वाले भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन (IOA) से भी आग्रह किया कि वो भारतीय एथलीटों की रक्षा के लिए आगे आए। आईओए अब तक सारे मामले में चुप्पी साधे हुए है।

दो ओलंपिक पदक विजेताओं सहित भारत के शीर्ष पहलवानों के साथ हो रही नाइंसाफी के खिलाफ पहली बार किसी अंतरराष्ट्रीय संस्था ने सख्त प्रतिक्रिया दी है। बजरंग पुनिया (ओलंपिक कांस्य, 2021) और साक्षी मलिक (ओलंपिक कांस्य, 2016) सहित तमाम पहलवानों ने जब कल मंगलवार 30 मई को हरिद्वार में अपने पदक गंगा में बहाने की धमकी दी थी। उसके फौरन बाद ही इस अंतरराष्ट्रीय संस्था की प्रतिक्रिया सामने आई।

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक अंतराष्ट्रीय संस्था ने यौन उत्पीड़न के आरोपी बृजभूषण शरण सिंह का नाम नहीं लिया, जिनके खिलाफ दो एफआईआर दर्ज है। लेकिन अपना रुख साफ करते हुए आईओसी ने कहा: “पहलवानों द्वारा लगाए गए आरोपों का स्थानीय कानून के अनुसार निष्पक्ष, आपराधिक जांच बहुत जरूरी है। हम समझते हैं कि इस तरह की आपराधिक जांच की दिशा में पहला कदम उठाया जा चुका है, लेकिन ठोस कार्रवाई सामने आने से पहले और कदम भी उठाने होंगे।" 

इस अंतरराष्ट्रीय संस्था का बयान महत्व रखता है क्योंकि भारत इसी साल अक्टूबर में आईओसी के वार्षिक सत्र की मेजबानी करने वाला है, जहां सरकार को 2036 ओलंपिक खेलों के लिए गुजरात को उम्मीदवार के रूप में पेश करने की उम्मीद है।

IOC की टिप्पणी यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) के बयान से मेल खाता है। भारत यूडब्ल्यूडब्ल्यू का भी हिस्सा है। UWW ने पहलवानों के साथ हुए व्यवहार और हिरासत में लेने की "जोरदार तरीके से निंदा की।" उसने इसे "चिंताजनक" कहा और धमकी दी कि यदि निर्धारित अवधि के भीतर नए WFI चुनाव नहीं कराए गए तो भारत को अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती से निलंबित कर दिया जाएगा।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में कहा गया है कि है कि आईओसी और यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग प्रदर्शनकारी पहलवानों के साथ एक संयुक्त वर्चुअल बैठक करने पर विचार कर रहे हैं।

रविवार 28 मई को, विनेश फोगट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया को पुलिस वैन में घसीटा गया, घंटों तक हिरासत में रखा गया और उनके खिलाफ दिल्ली पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज की गई। तमाम पहलवान नए संसद भवन की ओर एक विरोध मार्च निकालना चाहते थे, उसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस समय कर रहे थे।

इसके बाद पहलवानों ने मंगलवार को कहा कि वे अपने पदक गंगा में बहा देंगे और अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर जाने की धमकी दी। लेकिन किसान नेताओं के हस्तक्षेप के बाद उनके मेडल गंगा में नहीं फेंके जा सके। किसान नेताओं ने सरकार को पांच दिनों का वक्त देते हुए चेतावनी जारी की है।

UWW ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ ढीली जांच और इसमें हो रही देरी पर भी निराशा व्यक्त की। पिछले महीने, IOA ने भारत में कुश्ती को नियंत्रित करने के लिए एक अस्थायी संस्था का गठन किया, जिसके गठन के 45 दिनों के भीतर नए सिरे से चुनाव कराने का वादा किया गया था। उस समय सीमा को पूरा करने के लिए दो सप्ताह से थोड़ा अधिक समय बचा है लेकिन चुनाव प्रक्रिया शुरू करने के लिए कोई औपचारिक अधिसूचना नहीं जारी की गई है।   

UWW ने कहा - 45 दिनों की समय सीमा जो शुरू में इस चुनाव को कराने के लिए तय की गई थी, उसका सम्मान किया जाएगा। ऐसा करने में विफल रहने पर यूडब्ल्यूडब्ल्यू को भारतीय कुश्ती महासंघ को निलंबित करना पड़ सकता है। यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित एक बयान में याद दिलाया है कि यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने इस साल की शुरुआत में नई दिल्ली में आयोजित एशियाई चैंपियनशिप को फिर से आवंटित करके एक उपाय किया था।

IOC ने कहा कि वह UWW के साथ "संपर्क" में है। आईओसी इस मुद्दे को संबोधित करने के लिए सक्षम खेल प्राधिकरण के रूप में यूडब्ल्यूडब्ल्यू का समर्थन करता है क्योंकि यह भारत में कुश्ती के खेल के शासन से संबंधित है। हमें UWW द्वारा सूचित किया गया है कि भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष वर्तमान में प्रभारी नहीं हैं। आईओसी अपने सभी प्रयासों में और खेल में उत्पीड़न और दुर्व्यवहार से एथलीटों की सुरक्षा के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघों और एनओसी के लिए आईओसी दिशानिर्देशों के ढांचे में यूडब्ल्यूडब्ल्यू का समर्थन करना जारी रखेगा। 

पिछले हफ्ते, दिल्ली पुलिस ने राउज एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट को सूचित किया कि "पीड़ित" महिला पहलवानों के मजिस्ट्रेट के समक्ष सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान दर्ज किए गए हैं। अदालत ने मामले को 27 जून को आगे की सुनवाई के लिए लिस्ट किया है।



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