अमरक कगरस म पएम बल- लकततर समनत ववधत हमर सझ मलय

प्रधानमंत्री मोदी ने आज दूसरी बार अमेरिकी कांग्रेस की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। अमेरिकी कांग्रेस में प्रधानमंत्री मोदी ने लोकतंत्र, समानता और विविधता के साझा मूल्यों की बात की। 

अमेरिकी कांग्रेस में क़रीब एक घंटे के भाषण में प्रधानमंत्री ने कई विषयों पर बात की। उपराष्ट्रपति कमला हैरिस सहित अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों ने कई बार तालियां बजाईं और खड़े होकर उनका अभिनंदन किया। इस बार का भाषण पिछली बार से ज्यादा लंबा था। 2016 में पिछला भाषण क़रीब 45 मिनट का था। संयुक्त बैठक में यह दूसरा संबोधन किसी भारतीय नेता का पहला संबोधन है। दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला और ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल और यूक्रेन के वलोडिमिर ज़ेलेंस्की जैसे नेताओं ने भी दो-दो बार संबोधित किया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने लोकतंत्र के मूल्यों पर ध्यान केंद्रित करने को मुद्दा बनाया। लोकतंत्र से जुड़े सवालों का उनको लगातार सामना भी करना पड़ता रहा है। अमेरिका में भी इससे जुड़े सवाल उठ रहे थे। बहरहाल, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'लोकतंत्र हमारे पवित्र और साझा मूल्यों में से एक है। यह लंबे समय में विकसित हुआ है और इसने विभिन्न प्रणालियों के रूप ले लिए हैं। हालाँकि, पूरे इतिहास में एक बात स्पष्ट रही है: लोकतंत्र वह भावना है जो समानता और सम्मान का समर्थन करती है। लोकतंत्र वह विचार है जो बहस और चर्चा का स्वागत करता है, लोकतंत्र वह संस्कृति है जो विचारों और अभिव्यक्ति को पंख देती है। भारत को प्राचीन काल से ही ऐसे मूल्यों का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। लोकतांत्रिक भावना के विकास में भारत लोकतंत्र की जननी है।'

उन्होंने कहा, 'हम सब मिलकर दुनिया को बेहतर भविष्य और भविष्य को बेहतर दुनिया देंगे।'

उन्होंने कहा, 'मैं विचारों और विचारधारा की बहस को समझ सकता हूं। लेकिन मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि आज आप दुनिया के दो महान लोकतंत्रों- भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच संबंधों का जश्न मनाने के लिए एक साथ आए हैं।'

उन्होंने संभवत: राहुल गांधी के बयान संदर्भ में कहा, 'घर पर विचारों की स्पर्धा होगी और होनी भी चाहिए। लेकिन जब हम अपने राष्ट्र के लिए बोलते हैं तो हमें एक साथ आना चाहिए।' प्रधानमंत्री मोदी ने विविधता की ज़रूरत को भी प्रमुखता से ज़िक्र किया।

उन्होंने भारतीय मूल के अमेरिकी प्रवासियों तक पहुंच बनाई और साथ ही अमेरिका के राजनीतिक वर्ग को भी संबोधित किया। उन्होंने कहा, 'अमेरिका का फाउंडेशन आपके पूरे इतिहास में समान लोगों के राष्ट्र के दृष्टिकोण से प्रेरित था, आप दुनिया भर के लोगों को गले लगाते हैं और आपने उन्हें अमेरिकी सपने में समान भागीदार बनाया है...। यहां लाखों लोग हैं जिनकी जड़ें भारत में हैं। उनमें से कुछ इस कक्ष में शान से बैठते हैं। और मेरे पीछे एक हैं जिन्होंने (कमला हैरिस) इतिहास रचा।'

इससे पहले आज, व्हाइट हाउस के दक्षिणी लॉन में 19 तोपों की सलामी और राष्ट्रगान के साथ पीएम मोदी का स्वागत किया गया। राष्ट्रपति बाइडेन ने उनका स्वागत करते हुए कहा, 'दुनिया के हालात को देखते हुए यह जरूरी है कि भारत-अमेरिका मिलकर काम करें।' प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "भारत और अमेरिका के बीच संबंध लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित हैं। दोनों देशों के संविधान 'हम लोग' शब्दों से शुरू होते हैं। दोनों देश हमारी विविधता पर गर्व महसूस करते हैं... वैश्विक भलाई, विश्व शांति और स्थिरता के लिए हम साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।''

बाद में पीएम मोदी ने राष्ट्रपति बाइडेन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। राजकीय रात्रिभोज में प्रमुख विचारक नेता, सीईओ, भारतीय-अमेरिकी समुदाय के प्रमुख सदस्य और कला, मनोरंजन और फैशन की दुनिया की शख्सियतों ने भाग लिया। इस सूची में एप्पल प्रमुख टिम कुक, गूगल के सुंदर पिचाई, अर्थशास्त्री थॉमस फ्रीडमैन, फिल्म निर्देशक मनोज नाइट श्यामलन, बिजनेस एक्जीक्यूटिव इंद्रा नूई और फैशन डिजाइनर राल्फ लॉरेन शामिल हैं।



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