महरषटर Live: अजत-शरद पवर गट क अलग-अलग बठक वधयक पहचन लग 

महाराष्ट्र एनसीपी में विधायकों की संख्या बल को लेकर जंग शुरू हो चुकी है। एमईटी बांद्रा में अजित पवार और वाईबी चव्हाण सेंटर में शरद पवार गुट के विधायक पहुंचने लगे हैं। हालांकि संख्या अभी कम है। दोनों ओर से अभी किसी संख्या का दावा नहीं किया गया है। अजित पवार अपनी बैठक में पहुंच गए हैं लेकिन शरद पवार अपनी बैठक में अभी नहीं पहुंचे हैं।

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक एक आश्चर्यजनक कदम में, अजित पवार के करीबी सहयोगी, निर्दलीय विधायक देवेंद्र भुयार, शरद पवार से मिलने के लिए वाई बी चव्हाण केंद्र पहुंचे। शिरूर से एनसीपी विधायक अशोक पवार भी शरद पवार के साथ आ गए हैं। वह इस सप्ताह की शुरुआत में अजित पवार के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान उनके साथ मौजूद थे। दूसरी ओर, अजित पवार द्वारा नियुक्त एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ने दावा किया है कि अधिकांश विधायक उपमुख्यमंत्री अजित पवार का समर्थन कर रहे हैं।

एनसीपी प्रवक्ता महेश तापसे ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, "शिंदे-फडणवीस सरकार में शामिल हुए नौ विधायकों को छोड़कर, आज हमारी बैठक में 45 विधायकों के शामिल होने की उम्मीद है।"

शरद पवार गुट के विधायक अनिल देशमुख बैठक में पहुंच गए हैं। अनिल देशमुख ने कहा - "जब शरद पवार महाराष्ट्र से बाहर जाएंगे तो हम बड़ी संख्या में समर्थकों को उनके साथ शामिल होते देखेंगे।"

मंत्री और अजित पवार खेमे के नेता छगन भुजबल ने कहा - "हम मंच पर और अन्य स्थानों पर बैठे नेताओं की संख्या देखेंगे। समर्थक कागजात पर हस्ताक्षर कर रहे हैं और उनसे पूछा जाता है कि वे कहां से आए हैं। नेताओं की सही संख्या केवल मंच पर ही देखी जा सकती है।" भुजबल का यह जवाब विधायकों की संख्या के बारे में पूछे जाने पर आया था।

अजित पवार एमईटी कॉलेज में अपने गुट की बैठक में पहुंचे पार्टी का झंडा फहराया।

बैठक में पहुंचे प्रफुल्ल पटेल से पूछा गया कि आपके साथ कितने विधायक हैं। पटेल ने कहा - सब विधायक हमारे साथ हैं। चिन्ता न करें।

अजित पवार गुट की एमईटी कॉलेज में हो रही बैठक में आने वाले लोगों से शपथपत्र पर हस्ताक्षर कराए जा रहे हैं। जबकि यह बैठक विधायकों को नोटिस जारी करते हुए बुलाई गई थी। यह कैसे तय होगा कि शपथपत्र पर जो लोग हस्ताक्षर कर रहे हैं वे एनसीपी के वास्तविक कार्यकर्ता हैं। 

शरद पवार की NCP ने स्पीकर नारवेकर के समक्ष एक याचिका दायर की है, जिसमें पिछले सप्ताह दलबदल करने वाले अजीत पवार और आठ अन्य विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की गई है। पार्टी ने भारतीय चुनाव आयोग (ईसी) को भी पत्र लिखकर कहा है कि 1999 में एनसीपी की स्थापना करने वाले शरद पवार पार्टी के प्रमुख बने रहेंगे और नेतृत्व में कोई बदलाव नहीं होगा। एनसीपी ने चुनाव आयोग में केविएट दाखिल करते हुए कहा गया है कि अजित पवार गुट पर कोई फैसला लेने से पहले चुनाव आयोग हमारी भी सुने।

शरद पवार ने विरोधियों को चेतावनी दी है कि मेरी फोटो का उपयोग न करें। इसके बावजूद भी मुंबई की सड़कों पर, हर एनसीपी (अजित पवार गुट) होर्डिंग में शरद पवार की तस्वीरें हैं। 



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